NEWS SAGA DESK
रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद 5,508 करोड़ रुपये का तीसरा अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। वित्तमंत्री राधाकृष्णी किशोर ने कटौती प्रस्ताव को लेकर कहा कि उन्हें आशा थी की अनुपूरक बजट पर विपक्षी सदस्यों की ओर से सरकार को सुझाव दिया जाएगा, लेकिन विपक्ष ने वित्तीय मामलों पर कम बल्कि राजनीतिक मुद्दे ज्यादा उठाए। विपक्ष की यह बात सही नहीं है कि सदन में मूल बजट आना है तो बीच में अनुपूरक बजट की क्या जरूरत है।हाल ही में केंद्र सरकार ने झारखंड को बकाया 1112 करोड़ रुपये दिए हैं तो क्या इस राशि का उपयोग अनुपूरक के जरिए विकास कार्यों में न हो।
वित्त मंत्री ने कहा कि हर पांचवां वर्ष चुनाव का होता है, जिसका असर राज्यों के खर्च और इसके राजस्व पर पड़ता है। हमारी सरकार की सोच है कि ऐसे विभागों के पैसे को उन विभागों को दे दिया जाए जिन विभागों में अधिक खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंंने जदयू सदस्य सरयू राय की ओर से उठाए गए मुद्दों पर कहा कि यदि सदन के बगैर अनुमति के राशि का आवंटन नहीं किया जाता है। यदि ऐसी बात होगी तो इसकी जांच कराई जाएगी। मालूम हो कि सरयू राय ने सदन की बगैर अनुमति के राशि आवंटित करने की बात कही थी और कहा था कि वित्तम मंत्री को सरकार के बही-खातों को दुरुस्त करना चाहिए।
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