कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को शिक्षक भर्ती घोटाले में मुख्य आरोपित को गिरफ्तार दिखाने के उसके तरीके पर सीबीआई से सवाल पूछे। कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई बार-बार इजाजत मांगकर क्या दिखाना चाहती है।
सीबीआई से किया कड़ा सवाल
न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति गौरांग कंथ की खंडपीठ ने सवाल किया कि जांच एजेंसी के तौर पर सीबीआई मुख्य आरोपित सुजयकृष्ण भद्र को सीधे जेल में क्यों नहीं गिरफ्तार कर रही है, जहां वह अभी बंद है और इसके बजाय अदालत से गिरफ्तारी की मंजूरी लेने की कोशिश कर रही है।
कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में है आरोपी
कोर्ट ने एजेंसी को यह भी याद दिलाया कि 29 नवंबर को एक विशेष अदालत ने सीबीआई को जेल में सीधे भद्र को गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी है। भद्र फिलहाल कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में है। पिछले साल ईडी के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह न्यायिक हिरासत में है, जो भर्ती घोटाले में समानांतर जांच कर रही है।
अदालत में पेश नहीं कर सकी सीबीआई
हाल में सीबीआई ने भी इस घोटाले में कुछ सुबूत मिलने का दावा कर भद्र को गिरफ्तार दिखाने की पहल की थी। लेकिन सीबीआई अधिकारियों द्वारा उसे विशेष अदालत में पेश करने के लिए बार-बार किए गए प्रयास विफल रहे क्योंकि जेल अधिकारियों ने बताया कि भद्र की चिकित्सा स्थिति अदालत में पेश होने के लिए उपयुक्त नहीं है।सोमवार को खंडपीठ ने यह भी सवाल किया कि सीबीआई भद्र को विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअली पेश करने की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है। इस बीच न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की एकल पीठ ने पिछले दिनों शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी द्वारा दर्ज मामले में भद्र को जमानत दे दी है।
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