News Saga Desk
सियोल। साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने वाले राष्ट्रपति यून सुक योल ने गुरुवार को टीवी पर संबोधन दिया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वे पद से नहीं हटेंगे और महाभियोग लगाए जाने के खिलाफ अंत तक लड़ते रहेंगे। यून ने कहा कि संसद में सैनिकों को भेजना विद्रोह नहीं है। लोकतंत्र को खत्म होने से रोकने और संसद में विपक्ष की तानाशाही का मुकाबला करने के लिए उन्होंने मार्शल लॉ लगाने का फैसला लिया। यह पूरी तरह से कानूनी था।
यून ने कहा-
चाहे मेरे खिलाफ जांच की जाए या महाभियोग लाया जाए, मैं निष्पक्ष रूप से इसका सामना करूंगा रहूंगा। मैं आखिर तक लड़ता रहूंगा।
इससे पहले 7 दिसंबर को राष्ट्रपति यून ने मार्शल लॉ लगाने के लिए देश से माफी मांगी थी। उन्होंने लाइव टीवी पर सिर झुकाकर जनता के सामने मार्शल लॉ लगाए जाने को गलत कहा था। तब उन्होंने कहा था कि ये फैसला कानूनी या राजनीतिक वजहों से नहीं बल्कि हताशा में लिया गया था।
राष्ट्रपति बोले- लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहा विपक्ष यूं ने विपक्ष पर सरकार के कामकाज को रोकने का आरोप लगाया। दरअसल मार्शल लॉ मामले के बाद साउथ कोरिया में राष्ट्रपति ने 673.3 ट्रिलियन वॉन (करीब 40 लाख करोड़ रुपए) का बजट पारित करने की कोशिश की, लेकिन मुख्य विपक्षी दल ने इसमें कटौती कर दी।
विपक्ष के इस कदम से नाराज राष्ट्रपति ने कहा कि देश की विपक्षी पार्टी लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही है। साउथ कोरिया में विपक्षी पार्टी ही बहुमत में है। संसद में 300 सीटों में से मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया (DPK) को 171 सीटें मिली हुई हैं।
साउथ कोरिया में 4 दशक बाद मार्शल लॉ साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर की रात देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था। हालांकि, भारी विरोध के बाद उन्होंने 6 घंटों के भीतर ही अपना फैसला वापस ले लिया था। यून के इस कदम के बाद दक्षिण कोरिया में उनका काफी विरोध हो रहा है उन्हें पद से हटाए जाने की भी कोशिशें हो रही हैं।
राष्ट्रपति की ही पार्टी के नेता अब उन्हें हटाने में जुट गए हैं। सत्ताधारी पीपुल्स पावर पार्टी (PPP) के महासचिव हान डोंग-हुन ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र सुरक्षित रहे इसके लिए राष्ट्रपति का हटना जरूरी है।
राष्ट्रपति को हटाने के लिए फिर से प्रस्ताव लाएगा विपक्ष पिछली बार शनिवार को राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन जरूरी 200 सांसदों का इसे समर्थन नहीं मिल पाया था। इसे लेकर हान ने कहा कि पिछली बार कई सांसद राष्ट्रपति को हटाने और न हटाने को लेकर भ्रम में पड़ गए थे और उन्होंने वोटिंग नहीं की थी। अब ये भ्रम की स्थिति दूर होनी चाहिए।
हान ने कहा कि इसे रोकने का एक ही तरीका ये है कि हर सांसद संसद भवन में आए और अपने विवेक के आधार पर वोट डाले। साउथ कोरिया में विपक्षी पार्टी DPK राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए दूसरी बार महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है। यह प्रस्ताव शनिवार को लाया जा सकता है।
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