News Saga Desk
रांची। रांची के लोगों के लिए बहुप्रतीक्षित कांटाटोली फ्लाईओवर जहां एक ओर ट्रैफिक जाम से राहत की उम्मीद लेकर आया था, उसी फ्लाईओवर की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। पहली बारिश में ही फ्लाईओवर की सड़क उखड़ने लगी है। जगह-जगह जलजमाव हो रहा है। फ्लाईओवर से पानी का रिसाव भी शुरू हो गया है।
फ्लाईओवर की दीवारों में दरारें भी देखी गई हैं, जिसकी मरम्मत की गई है। रांची के लोगों को कांटाटोली फ्लाईओवर की सौगात पिछले साल मिली और ट्रैफिक जाम से बहुत हद तक राहत मिल गई। लेकिन, अब इसकी गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। दो-चार दिनों की बारिश में ही फ्लाईओवर का बुरा हाल होने लगा है। इसमें कई जगह गड्ढे हो गए हैं। पानी का जमाव रविवार को हुई डेढ़ घंटे की बारिश में यह स्पष्ट दिख रहा है। फ्लाइओवर के सड़क भी एक जगह उखड़ गई है। ये सब देख रांची के लोगों में नाराजगी दिख रही है।
हो रहा जलजमाव
कोकर की ओर जो रैंप बना है, वह भी मजबूत नहीं फ्लाईओवर पर जलजमाव भी होने लगा है। लोगों का कहना है मानसून की पहली बारिश में ही जब यहां पानी जम रहा है, तो पूरे मानसून में इसका क्या हाल होगा। इस फ्लाईओवर में कोकर की ओर जो रैंप बना है, वह भी मजबूत नहीं है। गढ़ाटोली पुल के पास रैंप निर्माण के लिए मिट्टी भराव का इस्तेमाल किया गया।
लोगों ने कहा कि इससे फ्लाईओवर की नींव कमजोर हो सकती है। स्थानीय अमित कुमार ने कहा कि फ्लाईओवर बनने में आठ साल लग गए, लेकिन दो-चार दिन की बारिश में ही हाल बुरा हो गया है। सुमन, सोनू, ललित, बंटू कच्छप समेत दर्जनों राहगीरों ने कहा कि इस रैंप पर बरसात में चलने में डर लग रहा है।
दीवार में गहरी दरारें... मरम्मत के नाम पर हो रही खानापूर्ति
उद्घाटन के महज आठ माह बाद ही फ्लाईओवर की दीवारों में दरारें आ गईं हैं। यह दरारें कोकर की ओर उतरने वाले रैंप के पास की साइडवॉल पर है। मामला सामने आते ही संबंधित एजेंसियों ने आनन-फानन में दरार को भरने का काम शुरू कर दिया।
रविवार को फ्लाईओवर की क्रैक दीवार को भरने का काम जारी था। हालांकि, स्थानीय लोग इसे केवल खानापूर्ति मान रहे हैं। उनका कहना है कि समस्या की जड़ को ठीक करने के बजाय उसे छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। फ्लाईओवर की मरम्मती का काम भी चल रहा है। पुल का काम बहुबाजार के पास अभी भी चल रहा है।
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