भारतीय अपराधी को नेपाली नागरिकता दिलाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू

News Saga Desk

काठमांडू। फरवरी के महीने में फिलीपींस से प्रत्यर्पण करके लाए गए कुख्यात अपराधी जोगिंदर उर्फ जोगा डॉन को नेपाली नागरिकता और पासपोर्ट उपलब्ध कराने में मदद करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है। भारत से अपराध करके नेपाल में दो साल तक रहने वाले जोगा डॉन ने नेपाल के धनुषा जिले से नेपाली नागरिकता का प्रमाण पत्र हासिल किया था। इसी आधार पर उसने नेपाली पासपोर्ट बनवाया और फिलीपींस भाग गया था।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बुधवार को बताया कि पुलिस की एक विशेष टीम गठन करते हुए इस मामले की जांच शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय अपराधी को नागरिकता दिलाने में मदद करने वाले सभी लोग और नागरिकता का प्रमाण पत्र जारी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को जांच के दायरे में लाया गया है। इसी तरह पासपोर्ट जारी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि नेपाल पुलिस की जांच से अब तक पता लगा है कि 2018 में जोगा डॉन ने कुछ वर्षों तक नेपाल में रहने बाद धनुषा जिला के जनकपुरधाम से कांति गुप्ता के नाम से नागरिकता हासिल की थी। इसी नागरिकता के आधार पर उसने काठमांडू से पासपोर्ट जारी करवाया था।

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल के इमिग्रेशन रिकॉर्ड से पता चला है कि जोगा डॉन नेपाल से कांति गुप्ता के नाम के पासपोर्ट से 20 जुलाई, 2020 को फिलीपींस की राजधानी मनीला गया था। इसी तरह 15 फरवरी, 2024 को उसके फिलीपींस से नेपाल वापसी का रिकॉर्ड भी दर्ज है। इसकी जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि वह 15 दिन नेपाल में रहने के बाद 1 मार्च, 2024 को वापस मनीला गया था। उसे फरवरी के महीने में फिलीपींस से प्रत्यर्पण करके नेपाल लाया गया है। उसके भारत में आपराधिक इतिहास के बारे में भारत की खुफिया एजेंसी से जानकारी मिलने के बाद नेपाल में जांच शुरू की गई है।

भारत में मोस्ट वांटेड की सूची में रहने के बाद नेपाल भाग कर आए जोगा डॉन यहां धरान में एक फ्लैट किराए पर लेकर रहने लगा था। यहां पर उसने कपड़े का व्यवसाय शुरू किया। इसके ही आवरण में वह यहां से भारत के कई राज्यों में फिरौती की रकम के लिए फोन करने लगा जब वह भारतीय सुरक्षाकर्मियों की रडार पर आ गया था। बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव से 20 करोड़ की रंगदारी मांगने और नहीं देने पर हत्या करने देने की धमकी देने के बाद उसका नाम मीडिया की सुर्खियों में आया था। उसके खलिस्तानी आतंकवादी अर्श डल्ला और भगोड़े गैंगस्टर लकी पटियाल से करीबी संबंध थे। दोनों ही प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से जुड़े हैं।


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