वक्फ कानून पर हिंसा-24 परगना में पुलिस की गाड़ियां जलाईं:8 घंटे से हाईवे जाम; मुर्शिदाबाद में हालात सुधरे,19 विस्थापित परिवार वापस लौटे

News Saga Desk

मुर्शिदाबाद। वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा होने के बाद अब दक्षिण 24 परगना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई है। बसंती हाईवे पर बैरमपुर में पुलिस ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही एक गाड़ी को रोका, जिससे अशांति फैल गई। दरअसल, भांगर, मिनाखा, संदेशखाली से ISF कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सुबह 10 बजे हाईवे जाम कर दिया था। रामलीला मैदान जा रहे कार्यकर्ताओं ने पुलिस को घेर लिया। इन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

हाईवे पर हालात काबू में आ गए, लेकिन उग्र भीड़ ने शोणपुर में पुलिस की 5 बाइक में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी। कैदियों को ले जाने वाली वैन को पलटा दिया और उसमें भी तोड़फोड़ की। ये कार्यकर्ता इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी के कहने पर कोलकाता के रामलीला मैदान में होने वाली जनसभा में शामिल होने जा रहे थे। जनसभा के दौरान नौशाद ने ये आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही वोट बैंक की राजनीति के लिए पश्चिम बंगाल में धर्म से खेल रहे हैं। इन्हें आर्थिक विकास की कोई चिंता नहीं है।

इंडियन सेक्युलर फ्रंट के समर्थकों ने सोमवार को कोलकाता में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध रैली निकाली।

मुर्शिदाबाद में फोर्स की तैनाती के बाद हालात सुधरे, 19 परिवार लौटे

इधर, मुर्शिदाबाद में 10-12 अप्रैल बीच हुई हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। सोमवार को ADG लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने बताया- दुकानें खुलने लगी हैं। अब तक 19 विस्थापित परिवार अपने घर लौट चुके हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन मिलकर लोगों की सुरक्षित वापसी करवा रहा है।

शमीम ने कहा- अब तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पिता-पुत्र की हत्या मामले में अलग केस दर्ज किया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बैन है। BNS की धारा 163 भी लागू है।

मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन के बाद हिंदू परिवार वहां से जा रहे हैं।

TMC का आरोप- मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे भाजपा

तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और पूर्व सांसद कुणाल घोष ने मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे भाजपा और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- हमें इनपुट मिले हैं कि हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी। केंद्रीय एजेंसियां, BSF और कुछ राजनीतिक दलों का एक सेक्शन इस साजिश में शामिल था। BSF ने मदद करके उपद्रवियों को राज्य का बॉर्डर पार करवाया। कुछ उपद्रवी मुर्शिदाबाद के इलाके में घुसे, अराजकता फैलाई और BSF ने उन्हें वापस जाने के लिए भी मदद की।

घोष ने आगे कहा- भाजपा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दूसरे राज्यों की तस्वीरों का इस्तेमाल करके उसे मुर्शिदाबाद का बताया। BSF की मदद से बंगाल को बदनाम करने की साजिश है। वे बंगाल के लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि भाजपा अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर सके।

वक्फ कानून का विरोध- 14 अप्रैल के अपडेट्स

राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पक्षकार बनाए जाने की अपील की है। सरकार ने कहा- वक्फ कानून को लागू करने की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, इसलिए इस मामले में उसका प्रत्यक्ष और बड़ा कानूनी हित बनता है। वाईएसआर पार्टी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें जांच के लिए SIT बनाने की मांग की है।

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद हिंसा की NIA जांच की मांग की है। दूसरी तरफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली में बैठक की। इसमें देश-भर से कई मुस्लिम संगठनों के सदस्य शामिल हुए। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने 2026 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराने की मांग की है। असम पुलिस ने सोमवार को 13 अप्रैल को कछार में हुए हिंसा मामले में FIR दर्ज की है। फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। रविवार को कछार में 300-400 लोगों ने बिना अनुमति रैली निकाली थी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीजार्च किया।

हिंसा को लेकर दायर याचिका पर 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा कलकत्ता हाईकोर्ट

पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें केंद्रीय बल की तैनाती और हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए थे।

जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था- हम उन रिपोर्ट्स पर आंखें मूंद नहीं सकते जो सामने आई हैं। इनमें राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाई देती है। मुर्शिदाबाद के अलावा जहां भी हिंसा नजर आती है, वहां केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की जाए। मामले की सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।

भीड़ ने पिता-बेटे को पीट-पीटकर मार डाला

12 अप्रैल को भड़की हिंसा में भीड़ ने पिता-बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

12 अप्रैल को भड़की हिंसा में भीड़ ने पिता-बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

मुर्शिदाबाद जिले में 12 अप्रैल को फिर हिंसा भड़की थी। हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर पिता-बेटे की हत्या कर दी। इनकी पहचान हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) के रूप में हुई है। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। वहीं, 11 अप्रैल को हिंसा में घायल की 12 अप्रैल को अस्पताल में मौत हो गई थी। इस तरह मुर्शिदाबाद हिंसा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

ममता बोलीं- दंगा न करें, सबकी जान कीमती

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 12 अप्रैल को कहा- वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए। मेरी अपील है कि शांत रहें। सबकी जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं।

मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में 11 अप्रैल को हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और पुलिस पर पथराव किया था। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके गए थे। इस दौरान 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने चार राउंड फायरिंग की थी। गोलीबारी में दो लोग घायल हुए थे। दोनों का इलाज जारी है।

मुर्शिदाबाद हिंसा की 7 तस्वीरें…

मुर्शिदाबाद के जंगीपुर और सुती इलाकों में शुक्रवार दोपहर 12 से 1 बजे के बीच बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।

मुर्शिदाबाद के जंगीपुर और सुती इलाकों में शुक्रवार दोपहर 12 से 1 बजे के बीच बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।

मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की गई।

मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की गई।

मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने बस में आग लगा दी।

मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने बस में आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागती पुलिस टीम।

प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागती पुलिस टीम।

हिंसक भीड़ ने सड़क पर मौजूद कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

हिंसक भीड़ ने सड़क पर मौजूद कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

हंगामे के कारण NH-12 पर ट्रैफिक रोकना पड़ा।

हंगामे के कारण NH-12 पर ट्रैफिक रोकना पड़ा।

उग्र भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी।


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