News saga Desk
नई दिल्ली। आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में, तनाव और चिंता आम हो गई है। कभी-कभी ये भावनाएं इतनी बढ़ जाती हैं कि व्यक्ति को अचानक से तेज घबराहट और डर महसूस होने लगता है, जिसे हम Panic Attack कहते हैं। पैनिक अटैक में दिल की धड़कन तेज हो जाती है, सांस लेने में दिक्कत होती है और ऐसा लगता है जैसे सब कुछ खत्म होने वाला है। यह बहुत डरावना एक्सपीरिएंस हो सकता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसे मैनेज करने के तरीके (How To Manage Panic Attack) भी मौजूद हैं। आइए डॉक्टर की मदद से जानते हैं।
ठंडी सेंक है कमाल का उपाय
जब आपको पैनिक अटैक महसूस हो, तो तुरंत एक बर्फ का टुकड़ा लें और उसे अपनी आंखों के ठीक नीचे और गालों के ऊपरी हिस्से पर रखें। यह तरीका आपके शरीर को तुरंत ठंडा करने में मदद करता है और आपके नर्वस सिस्टम को शांत करता है। ठंडी सेंक से आपकी धड़कन सामान्य होने लगेगी और घबराहट कम होगी। यह एक तरह की ‘शॉक’ थेरेपी है जो आपके दिमाग को पैनिक मोड से बाहर निकालने में मदद करता है।
धीरे-धीरे गहरी सांसें लें
पैनिक अटैक के दौरान आपकी सांसें तेज और मुश्किल हो जाती हैं। ऐसे में गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी है। धीरे-धीरे अपनी नाक से गहरी सांस अंदर लें, 4 तक गिनें। फिर अपनी सांस को 7 तक गिनते हुए रोके रखें। अब धीरे-धीरे अपने मुंह से सांस बाहर निकालें, 8 तक गिनें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं। बता दें, गहरी सांसें लेने से आपके शरीर में ऑक्सीजन का सर्कुलेशन बेहतर होता है, आपका हार्ट रेट धीमा होता है और आप ज्यादा शांत महसूस करते हैं। यह आपके दिमाग को यह संकेत देता है कि आप खतरे में नहीं हैं।
मांसपेशियों को आराम दें
पैनिक अटैक में अक्सर शरीर की मांसपेशियां तन जाती हैं। ऐसे में, प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन (PMR) एक ऐसी तकनीक है जहां आप बारी-बारी से अपने शरीर की मांसपेशियों को कसते हैं और फिर उन्हें ढीला छोड़ते हैं।
- इसके लिए अपने पैर की उंगलियों से शुरुआत करें। उन्हें कसकर दबाएं, 5 सेकंड तक रोके रखें और फिर पूरी तरह से ढीला छोड़ दें।
- सी तरह अपने पैरों, जांघों, पेट, हाथों, कंधों, गर्दन और चेहरे की मांसपेशियों पर फोकस करें। हर मांसपेशी को कसें और फिर ढीला छोड़ दें।
- इस तकनीक से आपको अपने शरीर में तनाव और आराम के बीच का अंतर महसूस होगा। जब आप मांसपेशियों को ढीला छोड़ते हैं, तो आपका शरीर और दिमाग भी शांत होने लगता है, जिससे पैनिक अटैक की तीव्रता कम होती है।
ये तीनों तरीके पैनिक अटैक को मैनेज करने में बेहद प्रभावी हो सकते हैं। याद रखें, अगर आपको बार-बार पैनिक अटैक आते हैं, तो किसी डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
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