News Saga Desk
रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग यानी जेएसएससी के द्वारा की जाने वाली भर्ती में अब 2 चरणों में अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी होगी। हेमंत सरकार ने जेएसएससी परीक्षा संचालन के नियमावली में बदला किया है। अब सवाल है आखिर यह फैसला क्यों लिया गया। नियमवाली के बदल जाने से क्या होगा. क्या इससे पहले भी नियमावली में संशोधन किया गया था।
दरअसल, हिंदी दैनिक अखबार हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक जेएसएससी द्वारा होने वाली सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं को एक बार फिर से 2 चरणों (प्रारंभिक और मुख्य) परीक्षा आयोजित किया जाएगा। मालूम हो कि पिछले 4 सालों से परीक्षा का आयोजन एक चरण में किया जाता रहा है। हालांकि एक बार फिर जेएसएससी परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली 2021 में संशोधन किया जाएगा। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
एक चरणों पर हो रही थी ये परीक्षाएं
गौरतलब है कि जेएसएससी द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं में जेएसएससी सीजीएल, सहायक आचार्य, उत्पाद सिपाही, झारखंड पीजीटी, नगर निगम ग्रेजुएट लेवल सहित कई परीक्षाएं है जो पिछले चार सालों से एक चरणों में आयोजित कराई जा रही थी। लेकिन नियमावली बदल जाने से ये सभी परीक्षाएं दो चरणों में होगी।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में आयोजित परीक्षा को लेकर प्रश्नपत्र लीक होने जैसे आरोप लगे हैं जिसके बाद ही राज्य सरकार ने परीक्षा पैटर्न में बदलाव की तैयारी कर रही थी।
प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा कैबिनेट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा संचालन को लेकर बीते दिनों जेएसएससी ने कार्मिक विभाग को की बिंदुओं पर सुझाव भी दिया है। उसी के आधार पर कार्मिक विभाग ने नियमावली में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है। संशोधित प्रस्ताव को विधि व वित्त विभाग के पास स्वीकृति के लिए फिलहाल भेजा गया है। इन सभी प्रक्रियाओ के पूरा होने के बाद फिर से कैबिनेट से पास कराया जाएगा।
क्यों किया जा रहा है बदलाव?
वहीं परीक्षा संचालन प्रक्रिया को लेकर जेएसएससी ने कार्मिक विभाग से कहा है कि एक चरण में परीक्षा होने से पेपर लीक की संभावना बढ़ी है। कई विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो परीक्षा के प्रति गंभीर तो नहीं होते, लेकिन वे फॉर्म भर देते हैं। इससे बेवजह परीक्षा लेने की प्रक्रिया लंबी व जटिल हो जाती है। इसके अलावे आयोग ने अपने सुझाव में कहा कि ऑनलाइन परीक्षा नहीं ली जाए।
इसपर तर्क दिया है कि कम्यूपटर आधारित परीक्षा लेने की क्षमता ऐसी नहीं है जैसी होनी चाहिए। ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा नहीं लेने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए। आयोग ने यह भी कहा कि ऑनलाइन परीक्षा पद्धति में हर दिन की क्षमता 600 अभ्यर्थी का है।
2021 में किया गया था संशोधन
गौरतलब है कि साल 2021 से पहले तक संयुक्त स्नातक, डिप्लोमा व इंटरमीडिएट स्तरीय परीक्षा का आयोजन दो चरणों में होता था। जिसे 2021 में ही संशोधित करके एक चरण में लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए मंत्रिपरिषद से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली 2021 की स्वीकृति ली गई थी।
दो चरणों का स्वरूप प्रारंभिक और मेंस परीक्षा का स्तर का होता था। प्रारंभिक स्तर की परीक्षा सामान्य अध्ययन, सामान्य विज्ञान व गणित, मानसिक क्षमता जांच और कम्प्यूटर विषय और झारखंड राज्य से जुड़े विषयों पर परीक्षा ली जाती थी।
मुख्य परीक्षा का स्वरूप अलग होता था. इसमें अंग्रेजी। हिन्दी भाषा ज्ञान सामान्य अध्यय, समसामयिक विषय , विज्ञान ,गणित, मानसिक क्षमता आदि विषय होते थे।
जिसे साल 2021 में परीक्षा संचालन नियमावली में परिवर्तन किया गया। तब केवल एक चरण यानि मुख्य परीक्षा में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस स्वरूप में तीन पत्र शामिल किया गया। पहला पेपर हिन्दी, अंग्रेजी भाषा ज्ञान, दूसरा पेपर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा और तीसरा पेपर सामान्य ज्ञान का होता था।
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