News Saga Desk
नई दिल्ली। कहते हैं इंसान जो ठान ले वो कर दिखाता है। सनक और जिद के साथ माता-पिता का साथ मिल जाए तो फिर बात ही क्या। कुछ ऐसा ही हुआ भारत के 317वें नंबर के टेस्ट खिलाड़ी के साथ। ये नंबर जुड़ा है जुझारू बल्लेबाज के साथ जिसे एक समय अंडर-19 टीम के काबिल तक नहीं समझा गया था और आज वही लड़का इंग्लैंड के ऐतिहासिक लीड्स शहर के ऐतिहासिक हेडिंग्ले मैदान पर टेस्ट डेब्यू कर रहा है। नाम है साई सुदर्शन।
युवा कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में युवा टीम इंडिया अंग्रेजों की जमीन पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज करने जा रही है। पहला मैच हेडिंग्ले में और मैच से पहले चेतेश्वर पुजारा ने सुदर्शन के टेस्ट कैप दी। सुदर्शन उसी नंबर-3 पर बल्लेबाजी करेंगे जिस पर पुजारा और उनसे पहले राहुल द्रविड़ करते थे। ये बताता है कि सुदर्शन की काबिलियत पर टीम को किस तरह का भरोसा है।
ऐसे बदली कहानी
लेकिन सुदर्शन के यहां तक का सफर आसान नहीं था। बात दिसंबर 2019 की है। तमिलनाडु की अंडर-19 टीम से सुदर्शन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इस फैसले के बाद सुदर्शन फूट-फूटकर रोने लगे थे। सुदर्शन की फिटनेस उस समय अच्छी नहीं थी। यहीं से उनका रिहैब शुरू हुआ वो भी उनकी मां के साथ जो उनकी स्ट्रैंग्थ एंड कंडीशनिंग कोच बनी थीं। सुदर्शन की मां वॉलीबॉल प्लेयर रह चुकी हैं और राज्य के लिए खेल चुकी हैं। उनके पिता आर भारद्वाज भी एथलीट रह चुके हैं और साउथ एशियन गेम्स ढाका-1993 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इन दोनों की मेहनत के कारण सुदर्शन न कहानी बदली और आज इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू कर रहे हैं।
युवा कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में युवा टीम इंडिया अंग्रेजों की जमीन पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज करने जा रही है। पहला मैच हेडिंग्ले में और मैच से पहले चेतेश्वर पुजारा ने सुदर्शन के टेस्ट कैप दी। सुदर्शन उसी नंबर-3 पर बल्लेबाजी करेंगे जिस पर पुजारा और उनसे पहले राहुल द्रविड़ करते थे। ये बताता है कि सुदर्शन की काबिलियत पर टीम को किस तरह का भरोसा है।
ऐसे बदली कहानी
लेकिन सुदर्शन के यहां तक का सफर आसान नहीं था। बात दिसंबर 2019 की है। तमिलनाडु की अंडर-19 टीम से सुदर्शन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इस फैसले के बाद सुदर्शन फूट-फूटकर रोने लगे थे। सुदर्शन की फिटनेस उस समय अच्छी नहीं थी। यहीं से उनका रिहैब शुरू हुआ वो भी उनकी मां के साथ जो उनकी स्ट्रैंग्थ एंड कंडीशनिंग कोच बनी थीं। सुदर्शन की मां वॉलीबॉल प्लेयर रह चुकी हैं और राज्य के लिए खेल चुकी हैं। उनके पिता आर भारद्वाज भी एथलीट रह चुके हैं और साउथ एशियन गेम्स ढाका-1993 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इन दोनों की मेहनत के कारण सुदर्शन न कहानी बदली और आज इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू कर रहे हैं।
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