News Saga Desk
पटना। JDU कार्यालय में CM नीतीश के साथ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाई गई। इसके 24 घंटे के अंदर भाजपा कार्यालय में PM मोदी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर दिखने लगी। इसे आने वाले विधानसभा चुनाव में एक रणनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

दोनों की तस्वीर लगाने के पीछे का उद्देश्य अपने-अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना और भरोसा दिलाना है कि NDA में भरोसा और समन्वय मजबूत है। दोनों पार्टियां चुनावी मोड में एकजुट होकर काम कर रही हैं। दरअसल, नीतीश कुमार कई बार गठबंधन बदल चुके हैं, इसलिए तस्वीरों के जरिए दोनों पार्टियां यह दिखाना चाहती हैं कि अब “साथ-साथ हैं और हमेशा साथ रहेंगे। इस तस्वीर के जरिए NDA में स्थिरता और साझा नेतृत्व के भरोसे का संदेश देने का प्रयास किया गया है।
जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को संतुलन देने की रणनीति
नीतीश कुमार कुर्मी जाति के नेता हैं और OBC में मजबूत पकड़ रखते हैं। PM मोदी राष्ट्रीय स्तर पर हैं, विशेषकर सवर्ण, OBC, और युवा वर्ग में इनकी अच्छी पकड़ है। CM-PM चेहरा दिखाकर वोटरों के अलग-अलग वर्गों को जोड़ने की रणनीति है।

नीतीश कुमार ने खुद को अगला मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर साफ संदेश
नीतीश कुमार ने खुद को अगला मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया है, लेकिन तस्वीर लगाने से यह संकेत गया कि BJP भी नीतीश के नेतृत्व को फिलहाल स्वीकार कर रही है। गठबंधन में कोई CM फेस की टकराव नहीं है।
2024 लोकसभा चुनाव में PM मोदी चेहरा थे और भाजपा की भूमिका प्रमुख थी। 2025 में विधानसभा चुनाव में नीतीश को फ्रंट फुट पर लाना जरूरी है, क्योंकि वो बिहार में स्वीकार्य नेता हैं।दोनों पार्टियों ने यह रणनीति बनाई है कि दोनों की छवि को एक साथ प्रस्तुत किया जाए।
तस्वीरों के जरिए विपक्ष को जवाब
महागठबंधन, खासकर RJD, बार-बार यह आरोप लगाता रहा है कि CM नीतीश की हैसियत BJP में घट गई है। नीतीश की तस्वीर BJP कार्यालय में लगाकर यह दिखाया कि वो अभी भी सम्मानजनक सहयोगी हैं और JDU-BJP में कोई मतभेद नहीं है।
RJD का सवाल- दूसरे नेताओं की तस्वीर क्यों नहीं
JDU-BJP कार्यालय में PM-CM की तस्वीर लगाने पर राजद ने तंज कसते हुए अन्य नेताओं की तस्वीर गायब होने की बात कही है। RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि नीतीश और मोदी की तस्वीर से नजर आ रही है, लेकिन चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर आखिर क्यों नहीं लगाई गई। BJP-JDU बाकी लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं।
कांग्रेस ने बताया मुंह में राम बगल में छुरी
BJP-JDU कार्यालय में PM-CM की तस्वीर लगाने को लेकर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि यह मुंह में राम बगल में छुरी जैसी तस्वीर है। दोनों नेता एक दूसरे की तस्वीर लगाकर सिर्फ यह दिखावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि दोनों एक-दूसरे पर दबाव बनाने में लगे हैं। एक तरफ जहां अमित शाह कहते है कि CM कौन होगा, यह चुनाव के बाद तय होगा। वहीं CM नीतीश की तस्वीर लगाकर खुश करने की कोशिश है।
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