News Saga Desk
गिरिडीह। देवरी प्रखंड के भेलवाघाटी पंचायत में मनरेगा योजनाओं में व्यापक गड़बड़ी सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। जांच में 14 योजनाओं में निर्धारित लागत से अधिक राशि की निकासी और अन्य अनियमितताओं की पुष्टि होने पर उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों और कर्मियों पर 6 लाख रुपये से अधिक का आर्थिक दंड लगाया है। इस प्रकरण में देवरी बीडीओ, बीपीओ, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, मुखिया, रोजगार सेवक, पंचायत सेवक, कंप्यूटर सहायक, अकाउंट असिस्टेंट, बीएफटी मेट और वेंडर समेत कुल 11 लोगों को दोषी पाया गया है। उपायुक्त ने सभी पर अलग-अलग जुर्माना निर्धारित किया है और इसे 30 दिनों के भीतर जमा करने का निर्देश दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रत्येक बीडीओ, बीपीओ, एई, जेई, मुखिया, रोजगार सेवक, पंचायत सेवक और कंप्यूटर सहायक पर 76,422 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि अकाउंट असिस्टेंट, बीएफटी मेट और वेंडर पर 25,410 रुपये का दंड अधिरोपित किया गया है।जारी आधिकारिक पत्र के मुताबिक, यह कार्रवाई विभागीय जांच दल द्वारा जुलाई 2023 में किए गए निरीक्षण के आधार पर की गई है। निरीक्षण के उपरांत सौंपी गई रिपोर्ट में योजनाओं में अनियमितता की बात स्पष्ट रूप से कही गई थी, जिसे देवरी बीडीओ ने अक्टूबर 2024 में विभाग को अग्रसारित किया।
उपायुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय सीमा में जुर्माना जमा नहीं किया गया, तो संबंधित कर्मियों एवं अधिकारियों के खिलाफ कानूनी एवं विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले से पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर लापरवाही उजागर हुई है, जिस पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।
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