News Saga Desk
नई दिल्ली। टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ (Dipika Kakar Cancer Update) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि उन्हें स्टेज-2 लिवर कैंसर है। इससे पहले पता चला था कि दीपिका के लिवर में ट्यूमर है, जो बाद में पता चला कि Cancerous है। आपको बता दें कि लिवर कैंसर के मामले पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम देखने को मिलते थे, लेकिन हाल के कुछ सालों में इसका खतरा (Liver Cancer Causes in Women) महिलाओं में भी बढ़ रहा है। खराब लाइफस्टाइल, इन्फेक्शन और जेनेटिक कारणों से महिलाओं में लिवर कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है।
महिलाओं में लिवर कैंसर के कारण
हेपेटाइटिस बी और सी का इन्फेक्शन
हेपेटाइटिस बी और सी वायरस लिवर कैंसर के सबसे कारण हैं। ये वायरस ब्लड ट्रांसफ्यूजन, असुरक्षित सेक्स या इस्तेमाल की हुई सुई के जरिए फैलता है। कई महिलाओं को यह पता ही नहीं होता है कि वे इन वायरसों से इन्फेक्टेड हैं, जिसके कारण लिवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है। इसलिए इन वायरस की वैक्सीन और नियमित टेस्ट के जरिए इसके रिस्क को कम किया जा सकता है।
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)
महिलाओं में लिवर कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है फैटी लिवर। मोटापा, डायबिटीज और अनहेल्दी खान-पान के कारण फैटी लिवर के मामले बढ़ रहे हैं। अगर फैट लिवर जल्दी ठीक न हो, तो लिवर में सूजन और सिरोसिस का कारण बन सकती है।
शराब पीना
आमतौर पर माना जाता है कि थोड़ी मात्रा में शराब पीने से कोई नकुसान नहीं होता, लेकिन यह गलत है। शराब पीना,चाहे आप कम मात्रा में ही क्यों न पीते हों, लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। लंबे समय तक शराब पीने से लिवर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचता रहता है और लिवर कैंसर हो सकता है।
गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक इस्तेमाल
लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेने से बेनाइन ट्यूमर हो सकता है, जो कभी-कभी मैलिग्नेंट (कैंसर) ट्यूमर में भी बदल सकता है। इसलिए अगर आप लंबे समय से गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं, तो अपने डॉक्टर से समय-समय पर सलाह लेती रहें।
एफ्लाटॉक्सिन
एफ्लाटॉक्सिन एक बेहद खतरनाक टॉक्सिन है, जो कार्सिनोजेनिक, यानी कैंसर का कारण बनने वाले होते हैं। ये गलत तरीके से स्टोर किए गए अनाज और नट्स में पाए जाते हैं। इन्हें खाने की वजह से भी लिवर कैंसर हो सकता है।
जेनेटिक कारण
अगर परिवार में पहले किसी को लिवर कैंसर या लिवर सिरोसिस की हिस्ट्री रही है, तो आप में भी इसका रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है।
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