गृहमंत्री अमित शाह नक्सलियों के खूंखार गढ़ गुंडम के लिए हुए रवाना

News Saga Desk

जगदलपुर। केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के बस्तर दौरे पर हैं, कल रविवार से ही बस्तर में रुके हुए हैं। नक्सलियों के सुरक्षित ठिकानों में माने जाने वाले सबसे खूंखार एक कराेड़ के इनामी नक्सली हिड़मा के गढ़ नक्सलियों का सबसे सेफ जोन तेलंगाना राज्य सीमा पर स्थित सुकमा जिले के गुंडम के लिए अमित शाह आज साेमवार काे जगदलपुर से हेलीकॉप्टर से रवाना हुए हैं। गुंडम में तैनात सुरक्षाबलों के कैंप में जाकर जवानों और इस इलाके के ग्रामीणों से बातचीत करेंगे। यह इलाका नक्सलियों की तेलंगाना स्टेट कमेटी के सेकेट्री दामोदर, डीकेएसजेडसी के नेता विकास, सुजाता सहित बड़े नक्सल लीडर्स का सबसे सेफ जोन है। इस गांव और आसपास के इलाके को जवानों ने घेरकर रखा है, पूरा इलाका छावनी में तब्दील है। सुरक्षागत कारणों से प्रशासन ने उनके इस कार्यक्रम का खुलासा नहीं किया है। यहां नक्सलियों ने सबसे बड़ा शहीद स्मारक बना रखा है, नक्सलियाें की कंपनी नंबर 9 तथा 10 भी सक्रिय है। इसके बाद अमित शाह रायपुर में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्लूई ) पर बैठक लेंगे।

उल्लेखनीय है कि बीजापुर जिले का गुंडम और इसके आसपास का इलाका नक्सलियों का सबसे बड़ा सेफ जोन है। यहां दो स्टेट के नक्सलियों का जमावड़ा होता है। यह इलाका नक्सलियों की बटालियन, डीकेएसजेडसी के बड़े नताओं, प्लाटून नंबर 9 और 10 पामेड़ और जगरगुंडा एरिया कमेटी का है। इस इलाके में तेलंगाना स्टेट कमेटी के सेकेट्री दामोदर भी सक्रिय है। यहां सेंट्रल कमेटी के नक्सली जुटकर जवानों के खिलाफ साजिश रचते हैं। 3 अगस्त 2021 को गुंडम से 15 किमी की दूरी पर कोमटपल्ली नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया था, इसमें 500-600 की संख्या में नक्सली जुटे थे, साथ ही 10 हजर ग्रामीणों की भीड़ भी यहां पंहुची थी। इसी गांव से 5-6 किमी दूर टेकलगुडम में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया था। जिसमें सीआरपीएफ के 21 जवानों की शहादत हुई थी। गुंडम गांव से कुछ ही दूरी पर नक्सली के टॉप कमांडर में से एक एक कराेड़ के इनामी नक्सली हिड़मा का गांव पूवर्ती भी है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह इलाका कितना खतरनाक है। इन इलाकों में सुरक्षाबलों के कैंप खोला गया है, जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचकर जवानों से चर्चा करेंगे और नक्सल समस्या को खत्म करने के लिए नक्सलियाें के ताबूत में अंतिम कील ठाेकने की रणनीति बनाएंगे। यह भी विदित हाे कि अमित शाह लगातार अपने भाषणों में नक्सल समस्या को लेकर काफ़ी संजीदा नजर आये हैं। उनका कहना है की 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सल समस्या को खत्म करना उनका लक्ष्य है। नक्सल समस्या को ख़त्म करने के लिए नक्सलियों के कोर इलाकों में नए नए कैम्प खोले जा रहे हैं, जिससे नक्सली बेकफुट पर नजर आ रहे हैं।

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