बिहार में बनेंगे 22 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, ग्रामीणों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

News Saga Desk

पटना। बिहार के भागलपुर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जिले के पाँच प्रखंडों में 22 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जाने जा रहे हैं, जो जिले की लगभग 30 लाख की आबादी के लिए एक वरदान साबित होंगे। इन सेंटर्स के बनने से न केवल गाँवों में बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी, बल्कि लोगों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए शहर की ओर दौड़ लगाने की परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर बिहार सरकार की एजेंसी बीएमएसआईसीएल जल्द ही इन सेंटरों के निर्माण कार्य को शुरू करने वाली है। हर सेंटर की निर्माण लागत 55 लाख रुपये तय की गई है, और इस राशि को मंजूरी भी मिल चुकी है।

भागलपुर जिले के नाथनगर, बिहपुर, कहलगाँव, सुल्तानगंज और पीरपैंती प्रखंडों में ये 22 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इन प्रखंडों में बनाए जाने वाले सेंटरों में नाथनगर के कोला जगदीशपुर, मनोहरपुर, शाहपुर, अमडर, सुल्तानपुर भिट्टी, इब्राहिमपुर, बिहपुर के मीराचक मिल्की, लत्तीपुर, गौरीपुर, खैरपुर, सिंहकुंड, जयपुर चोहर, कहलगाँव के कासिल, तरचा, बारोहिया, प्रस्सतडीह, छोटी नाकी, सुल्तानगंज के वकचापुर, हाटियोक, नारायणपुर तरीथा, दौलतपुर और पीरपैंती के फौजदारी शामिल हैं।
यहाँ तक कि जहां जमीन की कमी थी, वहां भी अब समस्या का समाधान कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य हर प्रखंड में इलाज की बेहतर सुविधा प्रदान करना है, ताकि ग्रामीणों को शहरों की ओर न दौड़ना पड़े।

इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के शुरू होने से शहरी अस्पतालों में बढ़ती भीड़ में कमी आएगी। अब ग्रामीणों को ओपीडी, जांच घर, टीकाकरण और दवाइयों जैसी सुविधाएँ उनके नजदीकी सेंटर से मिल सकेंगी। इससे न केवल मरीजों का समय बचने में मदद मिलेगी, बल्कि शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर पड़ने वाला दबाव भी घटेगा।
यह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के लिए अलग से भवन बनाने की योजना पिछले तीन सालों से चल रही थी, और अब यह योजना धरातल पर उतरने जा रही है। हर सेंटर के निर्माण पर 55 लाख रुपये खर्च होंगे, और स्वास्थ्य विभाग से इसकी मंजूरी भी मिल चुकी है। अब जल्द ही इन सेंटर्स का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है, और इन सेंटर्स में जाँच, ओपीडी, टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी, जिससे मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएँ मिल सकें।


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