संविधान दिवस पर वाराणसी आईजी जोन ने पुलिस कर्मियों को दिलाई शपथ
वाराणसी,26 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मोहित गुप्ता ने परिक्षेत्रीय कार्यालय पर पुलिस कर्मियों को राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई।
केन्द्र ने 15 राज्यों के लिए आपदा बचाव और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए 1115.67 करोड़ रुपये मंजूर किये
नई दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने 15 राज्यों के लिए आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए 1115.67 करोड़ रुपये को मंजूरी दी।
केंद्रीय गृह मंत्री 28 नवंबर को आएंगे मसूरी, तैयारी में जुटा प्रशासन
देहरादून, 26 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह अमित शाह 28 नवंबर को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी का दाैरा करेंगे। उनके कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर प्रशासन जुट गया है। मंगलवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मसूरी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर बैठक की।
पूर्वी चंपारण में छिटफुट घटनाओ के बीच शांतिपूर्ण चल रहा है प्रथम चरण का पैक्स चुनाव-तिनकोनी में पुलिस से झड़प
पूर्वी चंपारण,26 नवंबर (हि.स.)।पूर्वी चंपारण जिले में पैक्स चुनाव के प्रथम चरण अंतर्गत छ: प्रखंडो मे चुनाव छिटफुट घटनाओ के बीच शांतिपूर्ण चल रहा है। जिले के रक्सौल आदापुर, छौड़ादानो,रामगढ़वा, बनकटवा एवं पकड़ीदयाल प्रखंड अंतर्गत पैक्स चुनाव कराए जा रहे हैं।इसके लिए रक्सौल में 37, आदापुर में 41, छोड़ादानो में 44, रामगढ़वा में 57, बनकटवा में 41 तथा पकड़ी दयाल में 30 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
संविधान और लोकतंत्र बचाने की हमारी ये लड़ाई जारी रहेगीः केजरीवाल
नई दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आआपा) के स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 26 नवंबर 2012 को आआपा एक ऐसी पार्टी की रूप में सामने आई, जो आम जनता के लिए कार्य करती है।
छत्तीसगढ़ के भनवारटंक रेलवे स्टेशन के पास कोयले से लदी मालगाड़ी के 5 डिब्बे पटरी से उतरे, यातायात प्रभावित
रायपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में मंगलवार को कोयला से लदी हुई मालगाड़ी के 5 डिब्बे भनवारटंक रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतरकर पलट गए। बताया जा रहा है कि यह मालगाड़ी बिलासपुर की ओर जा रही थी, तभी यह हादसा हो गया। इस हादसे के चलते यातायात प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनाें के मार्ग में बदलाव
भारतीय संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है : राष्ट्रपति मुर्मु
नई दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय संविधान को जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज बताते हुए आज कहा कि इसके माध्यम से हमने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास से जुड़े कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल किए हैं।
संविधान से प्राप्त अधिकारों के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने में योगदान दें नागरिक : राज्यपाल पटेल
भोपाल, 26 नवम्बर (हि.स.) । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने संविधान के अंगीकरण के 75 साल पूरे होने के अवसर पर प्रदेशवासियों का आव्हान किया है कि संविधान दिवस पर अपने सभी कार्यों में संवैधानिक नैतिकता के पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सत्यनिष्ठा के साथ दोहराएं। संकल्प करे कि नागरिक अपने आचरण और व्यवहार से संविधान से प्राप्त अधिकारों और सौंपे गए कर्तव्यों के पालन के लिए जन जागरूकता को बढ़ाने में सक्रिय योगदान देंगे।
बौखनाग जात्रा: प्रीतम भरत्वाण के गीतों पर थिरके श्रद्धालु, देवभूमि की अदृश्य शक्ति के कायल हुए अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ
उत्तरकाशी, 26 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड के प्रसिद्ध देवता बौखनागराजा की तीसरी जात्रा ने इस बार कुछ ऐसा जादू बिखेरा कि श्रद्धालु और मेहमान सब हैरान रह गए। हर तीसरे साल मनाए जाने वाले इस मेले की पूर्व संध्या पर लोक गायक प्रीतम भरत्वाण ने अपनी अद्भुत गायकी से वातावरण में एक अनोखा समा बांध दिया।बौखनागराजा को समर्पित इस मेले की रात कुछ खास ही थी। प्रीतम भरत्वाण के गीत “सरुली मेरु मन लगगि”, “सुबधा नालू पाणी गैचि”, और “गजिमाला” ने पूरे इलाके को झूमने पर मजबूर कर दिया। जैसे ही उन्होंने “मोरी रख्या खोली” गाया, एक अजीब सा उत्साह फैल गया। पूरा मेला गूंज उठा और लोग अपनी जगह से खड़े होकर थिरकने लगे, मानो समय ठहर गया हो। उनके गीतों में ऐसी ऊर्जा थी, जो न केवल भक्तों के दिलों को छू रही थी, बल्कि वातावरण को भी जैसे नशे में डूबो रही थी, लेकिन इस सांस्कृतिक संध्या में एक और चमत्कारी मोड़ तब आया जब विदेशी मेहमान अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक आरनोल्ड डिक्स ने अपनी उपस्थिति से माहौल को और भी रहस्यमय बना दिया। सिलक्यारा टनल की घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं टनल के अंदर था तो मुझे ऐसा लगा जैसे यहां कोई अदृश्य शक्ति मौजूद हो। वह अहसास शब्दों में बयां नहीं कर सकता। उनकी बातों ने कार्यक्रम में मौजूद सभी को चौंका दिया और हर किसी के मन में सवाल उठने लगे- आखिर वह अदृश्य शक्ति क्या थी?कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, क्षेत्रीय विधायक संजय डोभाल, पूर्व न्यायधीश जयदेव शाह, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत समेत कई और सम्मानित लोग भी मौजूद थे। ब्लॉक प्रमुख शैलेन्द्र कोहली ने बौखनाग मेला को राजकीय मेला घोषित किए जाने की बात करते हुए कहा कि इससे मेले की महिमा और बढ़ गई है। पद्मश्री सम्मानित प्रीतम भरत्वाण ने कहा कि मैंने जिंदगी में कई मंचों पर गीत गाए, लेकिन बौखनाग के लिए जो भाव मेरे दिल में हैं, वह शब्दों से बाहर हैं। क्या यह भावनाएं वास्तव में बौखनाग के अदृश्य प्रभाव का परिणाम थीं? यह सवाल हर किसी के मन में था, और शायद यही सवाल बौखनाग मेला की असली कसक भी हो। इस प्रकार बौखनाग मेला की पूर्वसंध्या ने न केवल श्रद्धालुओं के दिलों को छुआ, बल्कि इसे लेकर कई सवालों और रहस्यों को भी जन्म दिया। क्या बौखनाग में कोई अदृश्य शक्ति है? यह रहस्य अभी भी कायम है।
किसान-मजदूरों की आवाज, संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया धरना, सरकार को चेताया
गोपेश्वर, 26 नवम्बर (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने मंगलवार को अखिल भारतीय चेतावनी रैली के तहत चमोली जिले में जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया। साथ ही किसानों और मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों का कहना है कि 26 नवम्बर 2020 को देशभर में मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था, जो अब चार साल पूरे होने को हैं। मोर्चा ने सरकार से किसानों से हुए समझौतों को लागू करने और मजदूर विरोधी नीतियों को बदलने की मांग की गई है।धरने में अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष बस्ती लाल, सीटू के अध्यक्ष मदन मिश्रा और अन्य नेताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। उनके द्वारा उठाई गई मुख्य मांगों में श्रम कोड्स को रद्द करना, न्यूनतम वेतन बढ़ाना, सभी फसलों के लिए कानूनी समर्थन मूल्य की गारंटी देना, स्वामीनाथन आयोग के अनुसार एमएसपी घोषित करना, किसानों के लिए पेंशन योजना लागू करना, बिजली बिल में राहत और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाना शामिल था।इसके अलावा जंगली जानवरों से किसानों और उनके फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने और गैस, पेट्रोल, डीजल की कीमतों में वृद्धि वापस लेने की भी मांग की गई। धरने में बस्ती लाल, मदन मिश्रा, ज्ञानेंद्र खंतवाल, मनमोहन रौतेला, रमेशचंद्र, प्रकाश चैहान, दीपक कुमार, गीता बिष्ट सहित कई नेता और कार्यकर्ता शामिल थे।