शुभांशु समेत चार भारतीय एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष रवाना: 41 साल बाद फिर अंतरिक्ष में पहुंचेगा भारत, कल शाम 4:30 बजे पहुंचेंगे ISS

News Saga Desk

फ्लोरिडा। भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन 4 के तहत आज यानी, 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट है।

मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS से जुड़ेगा।

मिशन से जुड़ी 4 तस्वीरें…

लखनऊ में एक्सियम-4 की लॉन्चिंग देखते हुए शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हुए। मिशन के सफल टेकऑफ पर ताली बजाकर खुशी जताई।

लखनऊ में एक्सियम-4 की लॉन्चिंग देखते हुए शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हुए। मिशन के सफल टेकऑफ पर ताली बजाकर खुशी जताई।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार सभी एस्ट्रोनॉट। 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS पहुंचेंगे।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार सभी एस्ट्रोनॉट। 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS पहुंचेंगे।

लॉन्च के करीब 10 मिनट बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फाल्कन-9 रॉकेट से अलग हो गया।

लॉन्च के करीब 10 मिनट बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फाल्कन-9 रॉकेट से अलग हो गया।

लॉन्च से पहले फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर पर कॉम्प्लेक्स 39 A में खड़ा फाल्कन-9 रॉकेट और कैप्सूल।

लॉन्च से पहले फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर पर कॉम्प्लेक्स 39 A में खड़ा फाल्कन-9 रॉकेट और कैप्सूल।

41 साल बाद कोई भारतीय एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में जा रहा

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

6 बार टाला गया एक्सियम-4 मिशन

  1. 29 मई को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के तैयार नहीं होने के कारण लॉन्चिंग टाल दी गई।
  2. इसे 8 जून को शेड्यूल किया गया। फाल्कन-9 रॉकेट लॉन्च के लिए तैयार नहीं था।
  3. नई तारीख 10 जून दी गई। फिर से इसे मौसम खराब होने की वजह से टाला गया।
  4. चौथी बार 11 जून को मिशन शेड्यूल किया गया। इस बार आक्सीजन लीक हो गई।
  5. नई तारीख 19 जून दी गई। मौसम की अनिश्चितता, क्रू मेंबर्स की सेहत के कारण टल गया।
  6. छठी बार मिशन को 22 जून के लिए शेड्यूल किया गया। ISS के ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल के मूल्यांकन करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था। इसलिए मिशन टल गया।

मिशन का उद्देश्य: स्पेस स्टेशन बनाने की प्लानिंग का हिस्सा

Ax-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में रिसर्च करना और नई टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना है। ये मिशन प्राइवेट स्पेस ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए भी है और एक्सियम स्पेस प्लानिंग का हिस्सा है, जिसमें भविष्य में एक कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन (एक्सियम स्टेशन) बनाने की योजना है।

एजुकेशनल एक्टिविटीज: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लोगों को प्रेरित करना और जागरूकता फैलाना।

वैज्ञानिक प्रयोग: माइक्रोग्रेविटी में विभिन्न प्रयोग करना।

टेक्नोलॉजी टेस्टिंग: अंतरिक्ष में नई तकनीकों का परीक्षण और विकास।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को एक मंच प्रदान करना।


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