News Saga Desk
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन पर रोक लगा दी है। रक्षामंत्री पीट हेगसेथ इसके लिए अमेरिकी साइबर कमांड को आदेश दिए है। पेंटागन से जुड़े एक खुफिया अधिकारी के मुताबिक, ये आदेश ट्रम्प और जेलेंस्की की मुलाकात से पहले ही दे दिए गए थे। इसका मकसद यूक्रेन जंग को खत्म करने के लिए, रूस को बातचीत में शामिल करना था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन रूस के खिलाफ की जाने वाली सभी कार्रवाइयों का रिव्यू कर रहा है। हालांकि इस बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर रूस को बातचीत की टेबल पर लाना जरूरी है। मार्को ने कहा कि अगर पुतिन के प्रति विरोधी रवैया अपनाया जाता है, तो उन्हें टेबल पर नहीं ला पाएंगे।
मिशन पर रोक लगाना आम बात
दो पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, दो देशों के बीच कूटनीतिक और संवेदनशील बातचीत से पहले इस तरह के मिशन पर रोक लगाना आम बात है। लेकिन रूस के खिलाफ इस तरह के ऑपरेशन से पीछे हटना एक बड़ा दाव है। अधिकारियों के मुताबिक रूस की तरफ से अमेरिकी खुफिया नेटवर्क में घुसने की कोशिश लगातार जारी है। ट्रम्प प्रशासन के पहल हफ्ते में भी रूस ने इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया। रूस की ये कोशिशें, उसके लंबे समय से चले आ रहे मिशन का हिस्सा हैं।
अमेरिका में रूस के साइबर हमले बढ़ें
पिछले कई सालों में अमेरिकी अस्पतालों और बुनियादी ढांचे पर रैनसमवेयर (साइबर) हमले लगातार बढ़े हैं। इनमें ज्यादातर साइबर हमले रूस से हुए हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक इन आपराधिक हमलों को रूसी एजेंसियों की तरफ से मंजूरी दी गई थी। यूरोप में भी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इनमें कम्युनिकेशन केबल को काटने की कोशिश और जर्मनी की हथियार कंपनी के CEO की हत्या की साजिश शामिल हैं। पिछले साल इनमें तेजी भी देखने को मिली। अमेरिका अब तक इन मामलों में यूरोप की मदद करता आ रहा है। लेकिन रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन को रोकने से यूरोपीय देशों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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