News Saga Desk
झारखंड। झारखंड लोकसेवा आयोग की पहली महिला अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा को रिटायर हुए पांच महीने हो चुके हैं। तब से लेकर अब तक पूरा लोकसेवा आयोग ठप्प पड़ा हुआ है। जिस आयोग को लगभग हर महीने नियुक्ति के लिए रिजल्ट जारी करना था, वह बीते पांच महीने से लगभग 17 सौ नियुक्तियों की लिस्ट थामे बैठी हुई है। स्थिति यह है कि सिविल सेवा से लेकर विभिन्न तरह के 19 नियुक्तियां अटकी पड़ी हैं।
जेपीएससी में फिलहाल तीन सदस्य हैं। प्रो अजिता भट्टाचार्य, प्रो अनिमा हांसदा और प्रो जमाल अहमद। अगर नई नियुक्ति करने में सरकार को परेशानी है, तो इनमें से किसी को वरीयता के आधार पर जेपीएससी अध्यक्ष का प्रभार दे सकती है। पहले में भी ऐसा किया जा चुका है। अध्यक्ष का प्रभार मिलने से रिजल्ट प्रकाशन, इंटरव्यू और परीक्षाएं ली जा सकेंगी।
दो IAS एक IPS के नाम की चर्चा
पांच महीने से रिक्त पद को लेकर तमाम तरह की चर्चा चल रही है। सूत्र बता रहे हैं कि 22 अगस्त 2024 को रिक्त हुए आयोग अध्यक्ष पद पर दो आईएएस और एक आईपीएस को बैठाया जा सकता है।
नए अध्यक्ष के लिए दो आईएएस में पूर्व मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते और प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के नाम की चर्चा है। जबकि एक आइपीएस के नाम पर भी बात चल रही है। हालांकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है। अभी इन नामों पर विचार चल रहा है।
हाईकोर्ट तक पहुंचा रिक्त पर का मामला
जेपीएससी में अध्यक्ष का पद पांच महीने से रिक्त है, यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की पीठ में राज्य में सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए सरकार को जेपीएससी के अध्यक्ष का पद यथाशीघ्र भरने का निर्देश दिया। ऐसे में उम्मीद है कि आयोग को जल्द ही अध्यक्ष मिल जाएगा।
नीलिमा केरकेट्टा ने कहा था- नियमावली में बदलाव जरूरी
सेवानिवृत होने के बाद मीडिया को दिए साक्षात्कार में डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने कहा था कि आयोग में जितना सहयोग मिलना चाहिए था, नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि आयोग की छवि सुधारनी है, तो सबसे पहले 2001 में बनी नियमावली में बदलाव लाना होगा।
उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा था: हमने कहीं नहीं देखा कि विवि में प्रोफेसर सहित इंजीनियरिंग कॉलेजों, बिरसा कृषि विवि में चीफ साइंटिस्ट जैसे पदों, विवि अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों आदि महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर के सदस्य के जिम्मे है।
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