News Saga Desk
जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम)। बाराद्वारी स्थित जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने रांची के दो व्यापारियों लव अग्रवाल और गुलबहार मलिक को गिरफ्तार किया। टीम ने दोनों व्यापारियों को घोटाला को लेकर पूछताछ करने के लिए बाराद्वारी कार्यालय बुलाया था। इसके बाद फर्जी बिलिंग कर घोटाला करने के आरोप में दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने दोनों व्यापारियों को जमशेदपुर कोर्ट के आर्थिक अपराध की विशेष अदालत में पेश किया। कोर्ट ने दोनों व्यापारियों को न्यायिक हिरासत में घाघीडीह जेल भेज दिया। इससे पहले आरोपियों की एमजीएम अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई।

आरोपियों की एमजीएम अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई।
क्या है गिरफ्तारी की वजह
जीएसटी इंटेलिजेंस कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, फर्जी जीएसटी बिल के माध्यम से दोनों व्यापारियों ने 50 करोड़ रुपए की सामग्रियों की खरीद-बिक्री दिखाकर 11 करोड़ रुपए से अधिक का जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट का अनुचित लाभ लिया। इस तरह व्यापारियों ने सरकार के राजस्व की चपत लगाई है। इसी वजह से दोनों को अरेस्ट किया गया है।
रांची से पूछताछ के लिए बुलाया गया था
रांची के व्यापारी लव कुमार अग्रवाल का बैटरी का कारोबार है। वह बैटरी का अधिकृत विक्रेता है। लेकिन उस पर 10 करोड़ अधिक रुपए का फर्जी जीएसटी घोटाला करने का आरोप लगा है। गुलबहार मलिक भी रांची का रहने वाला है।
इसका भी पुरानी बैटरी की खरीद-बिक्री का कारोबार है। दोनों व्यापारियों को फर्जी जीएसटी बिल बनाकर घोटाला करने के मामले में पूछताछ के लिया जमशेदपुर बुलाया गया था। इनसे बाराद्वारी कार्यालय में लंबी पूछताछ की गई। टीम को जब इनकी संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण मिले तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे करते थे गड़बड़ी
जीएसटी अधिकारियों ने बताया- लव कुमार अग्रवाल मलिक से रद्दी बैट्री लेकर अपनी कंपनी को भेजता है। इसी क्रम में गुलबहार मलिक ने सुनियोजित साजिश के तहत लव कुमार अग्रवाल को बगैर सामग्रियों के ही जीएसटी बिल दिया। मलिक ने लव कुमार अग्रवाल को 10 करोड़ रुपए कीमत का फर्जी जीएसटी बिल दिया है। जांच में टीम ने बिल फर्जी पाया। इसके बाद मामले में दोनों कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया।

स्पेशल कोर्ट में पेश किए जाने के बाद दोनों को घाघीडीह जेल में रखा गया है।
एक दर्जन से अधिक फर्जी कंपनी बनाई
जांच में यह बात सामने आई है कि लव कुमार अग्रवाल और रांची के दूसरे व्यापारियों ने भी फर्जी जीएसटी बिल से आईटीसी का अनुचित लाभ लिया है। जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने जांच में पाया- गुलबहार मलिक ने न्यू इंडिया ट्रेडर्स, कैपिटल इंटरप्राइजेज, एफएम ट्रेडिंग, डीडी इंटरप्राइजेज, जिशान ट्रेडिंग सहित एक दर्जन से अधिक शेल कंपनियां बना रखी हैं।
इन कंपनियों के फर्जी जीएसटी बिल जारी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाला किया है। टीम के अनुसार, व्यापारी ने अकेले 20 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। इसकी जांच चल रही है।
अब तक छह व्यापारियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने अब तक अलग-अलग घोटाला में छह व्यापारियों को गिरफ्तार किया। इसमें सबसे पहले जुगसलाई के विक्की भालोटिया, कोलकाता के व्यापारी शिव कुमार देवड़ा, कोलकाता के अमित गुप्ता- सुमित गुप्ता, बिष्टुपुर के ज्ञानचंद्र जायसवाल उर्फ बबलू जायसवाल शामिल है।
इन सभी कारोबारियों ने कोलकाता के सिंडिकेट में शामिल होकर करीब 800 करोड़ का जीएसटी घोटाला किया है। इसकी जांच ईडी कर रही है। बबलू जायसवाल को छोड़ कर सभी आरोपी रांची के होटवार जेल में बंद हैं।
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