खूंटी में बाल मजदूरी, बाल विवाह और तस्करी के खिलाफ चाइल्ड चैंपियन समागम आयोजित

खूंटी, 25 नवंबर (हि.स.)। जिला बाल संरक्षण इकाई खूंटी एवं बाल कल्याण संघ के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को समाहरणालय के विकास भवन स्थित डीआरडीए हाल में चाइल्ड चैंपियन समागम का आयोजन किया गया। बाल अधिकारों, बाल संरक्षण और बच्चों के सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में मुरहू प्रखंड के 14 गांवों से आए 200 चाइल्ड चैंपियन ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समीरा एस निदेशक सह सदस्य सचिव, झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था, झारखंड सरकार ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप अपने मनपसंद क्षेत्र में काम करें लेकिन अपनी पढ़ाई को हमेशा प्राथमिकता दें। यदि आपके गांव में कोई समस्या हो, तो निःसंकोच अपना नाम गुप्त रखते हुए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को पत्र लिखें या 1098 पर कॉल करें। यह सेवा निःशुल्क है।

कार्यक्रम के दौरान गम्हरिया की प्रतिभाशाली बच्ची प्रिया कुमारी को प्रतीकात्मक रूप से एक दिन के लिए बाल कल्याण समिति का अध्यक्ष बनाया गया। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष तनुश्री ने कहा कि खूंटी के बच्चों को तस्कर विभिन्न तरीकों से गुमराह कर रहे हैं। अफीम की खेती और मानव तस्करी के कारण बच्चों का बचपन खतरे में है। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा। बाल कल्याण संघ के निदेशक संजय मिश्र ने कहा कि खूंटी की पवित्र भूमि से भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान किया था। आज हमें फिर इसी भूमि से बाल मजदूरी, बाल विवाह, और मानव तस्करी के खिलाफ उलगुलान करना होगा। उन्होंने बताया कि मुरहू प्रखंड के 14 गांवों में ग्राम बाल संरक्षण समितियों के माध्यम से जन जागरुकता फैलाने और ग्रामीणों को सशक्त करने का कार्य हो रहा है। चाइल्ड चैंपियन ने अपने गांवों से यहां पहुंचकर इस लड़ाई को आगे बढ़ाया है।

डालसा सचिव अपर्णा कुजूर ने बाल संरक्षण में डालसा की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सीडब्ल्यूसी और डीसीपीयू के साथ मिलकर बच्चों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद कर रहे हैं। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान ने बताया कि इस वर्ष पांच बच्चों को फोस्टर केयर योजना का लाभ दिलाकर उन्हें परिवारों से जोड़ा गया है। उन्होंने आगे बताया कि बालगृह के बच्चे नियमित रूप से स्कूल जा रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं।

कार्यक्रम के अंत में चाइल्ड चैंपियन ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें उनकी प्रतिभा की झलक देखने को मिली। सभी चैंंपियंस ने इस बात की प्रतिबद्धता जताई कि वे अपने गांवों में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने का कार्य करते रहेंगे।

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