NEWS SAGA DESK
जींद। नरवाना रोड निवासी सीआरपीएफ सिपाही नरेंद्र कुमार ऊधमपुर में शहीद हो गया। 22 दिसंबर को नरेंद्र कुमार ड्यूटी पर तैनात थेए तभी उन्हें हार्ट अटैक आ गया। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई। रविवार दोपहर पटियाला चौक के पास श्मशान घाट में सैन्य सम्मान के साथ 38 वर्षीय शहीद नरेंद्र कुमार को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनकी अंतिम विदाई में सेना के जवानों के अलावा स्थानीय पुलिस और काफी संख्या में लोग शामिल हुए।
शहीद नरेंद्र कुमार के बड़े भाई बिजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि 12 साल पहले नरेंद्र सीआरपीएफ में स्पोट्र्स कोटे से भर्ती हुआ था। नरेंद्र बास्केटबाल का इंटरनेशनल प्लेयर था।
वह नेशनल में पांच गोल्ड और स्टेट में छह साल तक चैंपियन रहा। नरेंद्र कुमार भर्ती होने के बाद बंगलुरुए श्रीनगरए पिंजौरए पिंजुखियाए गुवाहाटी आसामए छत्तीसगढ़ए जम्मू तथा झारखंड में ड्यूटी रही।
फिलहाल वह ऊधमपुर में तैनात थे। एक दिसंबर को 15 दिन की छुट्टी पर नरेंद्र आए थे। इसके बाद 15 दिसंबर को ड्यूटी पर चले गए थे। नरेंद्र छह साल तक कोबरा कंमाडो रहे।
झारखंड और आसाम में कोबरा कमांडो के रूप में ड्यूटी पर रहे। बिजेंद्र यादव ने बताया कि नरेंद्र ने 9 साल की उम्र में ही बास्केटबाल खेलना शुरू कर दिया था। नरेंद्र ने इलेक्ट्रिकल में बीटैक किया हुआ है। नरेंद्र को पांच साल का बेटा भी है। शहीद नरेंद्र की अंतिम विदाई में सैकड़ों लोग पहुंचे और नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीआरपीएफ की टुकड़ी ने सलामी ली।
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