News Saga Desk
नई दिल्ली। कभी ज्यादा आयात शुल्क बढ़ाने की वजह से तो कभी आपरेशन सिंदूर को लेकर बयानबाजी की वजह से तो कभी पाकिस्तान सेना के प्रमुख के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की वजह से, हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के संबंधों में एक असहजता सी आ गई है। लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान दोनों देशों की सरकारों की तरफ से मौजूदा माहौल को दुरूस्त करने की गंभीर कोशिश होती दिखी है।
10 वर्षीय सहयोग के फ्रेमवर्क पर सहमति बनी
बुधवार देर रात एक तरफ जहां विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच बैठक में अगले दस वर्षों के सहयोग के फ्रेमवर्क पर सहमति बनी तो दूसरी तरफ व्हाईट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि, भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी समझौता अब बस होने ही वाला है, इसके लिए दोनों देश एक दूसरे के आयात पर शुल्क भी घटाने को तैयार हैं।
वाशिंगटन दौरे पर गये जयशंकर ने कुछ ही घंटों के अंतराल में वहां विदेश मंत्री मार्को रोबियो, रक्षा मंत्री हेगसेथ और ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट से अलग अलग मुलाकात की। तीनों मुलाकातों का अपना व्यापक एजेंडा था। जयशंकर से मुलाकात से पहले हेगसेथ ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से टेलीफोन पर बात की थी, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से जुड़े कई आयामों पर बात हुई।
जयशंकर-हेगसेथ मुलाकात के बाद जारी बयान में अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया है कि इसमें हथियारों की बिक्री और नये रक्षा सहयोग के फ्रेमवर्क पर बात हुई है। दोनों देश अपने क्षेत्र में रक्षा चुनौतियों को अच्छी तरह से समझते हैं और यह भी मानते हैं कि एक साथ मिल कर इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। अमेरिका ने हिंद प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को आवश्यक मदद देने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।
भारत से कारोबारी समझौता जल्द, घटाएंगे शुल्क: ट्रंप
इस बैठक में जयशंकर व हेगसेथ ने फरवरी, 2025 में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच रक्षा सौदों को लेकर हुई विमर्श को आगे बढ़ाने पर भी बात की है। बताया गया है कि जेवेलिन एंटी गाइडेड मिसाइल और थल सेना के लिए युद्धक वाहन स्ट्राइकर की खरीद के मामले को भी आगे बढ़ाया गया है।
अमेरिका ने बताया है कि भारत की तरफ से छह अतिरिक्त पी-81 समुद्री पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट खरीदने के प्रस्ताव पर भी बात हुई है। बैठक में जयशंकर ने कहा है कि, अमेरिका व भारत के रिश्ते पहले से ही काफी मजबूत हैं, इसे और मजबूत बनाया जा सकता है।”
विदेश मंत्री व ऊर्जा मंत्री से मिले जयशंकर
इसी तरह से अमेरिका के ऊर्जा मंत्री राइट से मिलने के बाद जयशंकर ने कहा है कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को और विस्तार देने पर बात हुई है। यह भी जानकारी मिली है कि इस बैठक में अमेरिका से ज्यादा पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद पर भी बात हुई है। भारत आज की तारीख में अमेरिका के कच्चे तेल का एक बड़ा खरीददार देश है।
भारत क्रूड के साथ ही अमेरिका से और ज्यादा गैस खरीदने को लेकर बात कर रहा है। माना जा रहा है कि इस महीने दोनों देशों में जो द्विपक्षीय निवेश समझौता (बीआइटी) होने वाला है उसमें भारत की तरफ से अमेरिकी पेट्रोलियम उत्पादों पर कम आयात शुल्क लगाने की राह खुलेगी।
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