News Saga Desk
रांची। झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। गुरुवार को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग तथा कॉमन सर्विस सेंटर – स्पेशल परपज़ व्हीकल (CSC-SPV) के बीच एक महत्वपूर्ण मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते के तहत राज्य के पंचायत सचिवालयों में स्थायी आधार पंजीकरण और अद्यतन केंद्रों की स्थापना की जाएगी। यह सुविधा अब ग्रामीण जनता को उनके स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होगी, जिससे उन्हें आधार से संबंधित सेवाओं के लिए दूरस्थ शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। यह कदम समय, श्रम और संसाधनों की बचत के साथ-साथ डिजिटल समावेशन को भी बढ़ावा देगा।
यह पहल झारखंड वित्त नियमावली के नियम 245 के अंतर्गत विशेष स्वीकृति के तहत संभव हो पाई है, जिसमें राज्य सरकार ने CSC-SPV को पंचायत भवन में आधार सेवाएं संचालित करने की अनुमति प्रदान की है। झारखंड की ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने इस अवसर पर कहा, “यह समझौता झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को डिजिटल पहचान से जोड़ने की दिशा में एक क्रांतिकारी प्रयास है। इससे न केवल आधार सेवाएं सुलभ होंगी, बल्कि पंचायत सचिवालय डिजिटल सेवा केंद्रों के रूप में सशक्त बनेंगे।”
पुराने सभी इकरारनामों को रद्द कर अब यह नई व्यवस्था यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित इन-हाउस मॉडल के अंतर्गत लागू की जाएगी। इस समझौते के तहत जल्द ही पूरे राज्य में आधार पंजीकरण और उससे जुड़ी सेवाएं पंचायत सचिवालयों से प्रारंभ कर दी जाएंगी। यह कदम झारखंड सरकार के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के संकल्प को गति देने के साथ-साथ डिजिटल भारत के विज़न को जमीनी स्तर तक साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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