इतिहास में 15 नवंबर : भगवान बिरसा मुंडा जयंती और झारखंड स्थापना दिवस
15 नवंबर भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन 1875 में रांची ज़िले के उलीहातू गांव में भगवान बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था।
महापुरुष स्वामी दयानंद सरस्वती की पुण्यतिथि आज
वैदिक धर्म के महान पुनरुत्थानकर्ता और आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की आज पुण्यतिथि है। स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के मोरबी जिले के टंकारा में हुआ था। उन्होंने भारतीय समाज को अंधविश्वास, सामाजिक कुप्रथाओं और रूढ़ियों से मुक्त कराने का संकल्प लिया और वेदों की ओर लौटो का संदेश दिया।
जंगली हाथियों की लगातार घटती संख्या
हाथियों की डीएनए-आधारित गणना के नतीजे आ गए हैं। सार्वजनिक हुए ये नतीजे दुखद हैं। भारत के जंगलों में गजराजों की आबादी तेजी से घटने का तथ्य सामने आया है।संख्या में गिरावट की यह रफ्तार इतनी तेज है कि जरूरी उपाय नहीं किए गए तो गजराजों की गर्जना अतीत की बात हो सकती है। यह पर्यावरणविदों की उस बात पर भी मुहर है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों से लंबे समय से हाथियों को बचाने की मांग की जाती रही है। गणना आधुनिक तकनीकों से हुई। यह नई डीएनए तकनीक प्रत्येक हाथी की उसके जेनेटिक सिग्नेचर से पहचान करती है। इससे गिनती बिल्कुल सटीक होती है। इसे दुनिया की पहली व्यापक डीएनए-आधारित हाथी गणना का तमगा हासिल है।
परंपरा और प्रौद्योगिकी का संगम है नया भारत
साल 2025 का भारत आर्थिक आत्मविश्वास और अर्जित सम्मान की नई ऊंचाइयों पर खड़ा है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिकी टैरिफ और पश्चिमी दबावों जैसी चुनौतियों के बीच भी भारत ने अपनी विकास दर को स्थिर रखा है। साथ ही समावेशी और टिकाऊ विकास का उदाहरण भी पेश किया है। कहना होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के संगम से एक नई आर्थिक पहचान गढ़ रहा है। सरकारी नीतियों की स्थिरता, जनकल्याण की निरंतरता और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।
भारत से नक्सलवाद समाप्ति की ओर
तीन दिन तक याचना करने के बाद भी जब समुद्र नहीं माना, तो श्रीराम को क्रोध आ गया और लक्ष्मण से बोले- बिना भय के प्रेम नहीं होता है। इसके बाद, उन्होंने समुद्र को सुखाने के लिए अग्नि बाण चलाने का निर्णय लिया और इसी के बाद समुद्र देव प्रकट हुए और क्षमा याचना की- श्रीराम के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यहां रामकथा से जुड़े इस महत्वपूर्ण प्रसंग की चर्चा इसलिए आवश्यक प्रतीत हुई क्योंकि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर छत्तीसगढ़, बंगाल, झारखंड, बिहार व उड़ीसा राज्य करीब पांच-छः दशकों से नक्सलियों, नक्सलवाद व अर्बन नक्सली विचारधारा से रक्तरंजित रूप से ग्रसित रहा है। इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर आखिरकार वर्तमान मोदी सरकार को इस लाल आतंक के पर्याय को आत्मसमर्पण के लिए अंतिम रूप से चेताना पड़ा,“नक्सलियों के साथ कोई संघर्ष विराम नहीं होगा, केवल आत्मसमर्पण ही एकमात्र विकल्प है।” अब विनय की अंतिम सीमा समाप्त हुई।
छठ महापर्वः प्रकृति, पवित्रता और प्रार्थना का अनूठा लोकपर्व
आस्था और निष्ठा का अनुपम लोकपर्व ‘छठ’ उत्तर भारत, विशेषकर बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाने वाला सूर्योपासना का महापर्व है। यह पर्व सूर्य, उनकी पत्नी उषा तथा प्रत्यूषा, प्रकृति, जल, वायु और सूर्य की बहन छठी मैया को समर्पित है। उषा तथा प्रत्यूषा को सूर्य की शक्तियों का मुख्य स्रोत माना गया है, इसीलिए छठ पर्व में सूर्य तथा छठी मैया के साथ इन दोनों शक्तियों की भी आराधना की जाती है। षष्ठी देवी को ही छठ मैया कहा गया है, जो निःसंतानों को संतान देती हैं और संतानों की रक्षा कर उन्हें दीर्घायु बनाती हैं। पुराणों में पष्ठी देवी का एक नाम कात्यायनी भी है, जिनकी पूजा नवरात्र में षष्ठी को होती है। माना जाता है कि छठ पर्व में सूर्य की उपासना करने से छठी माता प्रसन्न होकर घर-परिवार में सुख-समृद्धि, रोगमुक्ति, सम्पन्नता और मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच ट्रम्प प्रशासन के 50 फीसदी टैरिफ
अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन द्वारा भारत से अमेरिका को होने वाले विभिन्न उत्पादों के निर्यात पर 50 प्रतिशत की दर से टैरिफ लगाया गया है। ट्रम्प ने वैसे तो लगभग सभी देशों से अमेरिका को होने विभिन्न उत्पादों पर अलग-अलग दर से टैरिफ लगाया, परंतु भारत द्वारा विशेष रूप से रूस से सस्ते दामों पर कच्चे तेल की खरीद के चलते भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया हुआ है। विभिन्न देशों से अमेरिका को होने वाले उत्पादों के निर्यात पर टैरिफ को लगाए हुए अब कुछ समय व्यतीत हो चुका है एवं अब इसका असर विभिन्न देशों की अर्थवस्थाओं एवं अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा है। खुशी की बात यह है कि 27 अगस्त 2025 से लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर लगभग नगण्य बना हुआ है।
यूएनओ: आठ दशकों की विफलता और प्रासंगिकता का संकट
हाल ही भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जब 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में ‘यूएन पीसकीपिंग मिनिस्ट्रियल’ कॉन्क्लेव में तल्ख़ लहज़े में कहा कि, “संयुक्त राष्ट्र आज भी 1945 की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करता है, न कि 2025 की।” परोक्ष रूप से उनका इशारा पिछले आठ दशकों में यूएनओ की विफलताओं, इसकी संरचनात्मक कमजोरियों और सुधार की आवश्यकता की ओर ही था। 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र (यूएनओ) ने अपनी स्थापना के 80 वर्ष पूरे किए। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका के बाद ‘भावी पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाने’ के उद्देश्य से स्थापित यह संगठन आज अपनी प्रासंगिकता और विश्वसनीयता के गंभीर संकट से जूझ रहा है। गाजा, यूक्रेन, सूडान और हैती जैसे वैश्विक संकटों के बीच यूएनओ की निष्क्रियता ने इसे ‘कागजी शेर’ की संज्ञा दी है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 सालः राष्ट्र निर्माण की कठिन यात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी 100वीं वर्षगांठ को उत्सव के बजाय आत्मनिरीक्षण और पुनः समर्पण के अवसर के रूप में देखता है। यह उन दूरदर्शी कार्यकर्ता और स्वयंसेवकों के प्रयासों को मान्यता देने का भी अवसर है जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से इस मार्ग पर कदम रखा है।
जीएसटी दरों में कटौती से किसानों को बड़ी राहत, हो सकती है 60 हजार करोड़ की बचत
भारत सरकार ने खेती से जुड़े उपकरणों, उर्वरकों और अन्य कृषि उत्पादों पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की दरों में महत्वपूर्ण कमी की है। इस निर्णय से देशभर के करोड़ों किसानों को सीधी आर्थिक राहत मिलेगी। अनुमान है कि इससे किसानों की सालाना करीब 60,000 करोड़ रुपये तक की बचत होगी।