अमर है बंकिम चंद्र चटोपाध्याय का गीत ‘वन्दे मातरम्…’
कृतज्ञ राष्ट्र हर साल 27 जून को सुप्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार बंकिम चंद्र चटोपाध्याय को उनकी जयंती पर याद करता है। 27 जून, 1838 को बंगाल के उत्तरी चौबीस परगना जिला अंतर्गत कंठालपाड़ा नैहाटी में जन्मे बंकिम चंद्र चटोपाध्याय गीत ‘वन्दे मातरम्’ अजर-अमर है।
कांग्रेस ने आपातकाल के लिए माफी नहीं मांगी
भारतीय लोकतंत्र ने विश्व भर में प्रशंसा एवं प्रतिष्ठा प्राप्त की है। हालांकि लोकतंत्र की इस समृद्ध यात्रा में आपातकाल जैसा एक कलंकित अध्याय भी जुड़ा है। 25 जून, 1975 की वो रात कौन भूल सकता है जिसे खासतौर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ‘तानाशाही’ के रूप में जाना जाता है।
उमर अब्दुल्ला की पाकिस्तान परस्ती!
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की उस योजना को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें सिंधु प्रणाली की पश्चिमी नदियों के अतिरिक्त जल को जम्मू-कश्मीर से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान भेजने के लिए नहर बनाने की बात की गई थी।
गर्मियों में प्रकृतिक तरीके से रखें शरीर को हाइड्रेशन
गर्मियों के मौसम में पसीने के कारण शरीर से जरूरी मिनरल्स और पानी तेजी से निकल जाते हैं। इसकी वजह से शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन की दिक्कत हो जाती है। इस मौसम में अपने शरीर को हाइड्रेट करने के लिए ज्यादातर लोग पानी पीते हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं होता।
इजराइल-ईरान युद्ध के बीच भारत की भूमिका
रूस-यूक्रेन एवं इजराइल-हमास के बीच युद्ध अभी समाप्त भी नहीं हुआ है और तीसरे मोर्चे इजराइल-ईरान के बीच भी युद्ध प्रारम्भ हो गया है। हालांकि इस बीच भारत-पाकिस्तान के बीच भी युद्ध छिड़ गया था परंतु भारत की बड़े भाई की भूमिका के चलते इस युद्ध को शीघ्रता से समाप्त करने में सफलता मिल गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्व में भारतीय संस्कृति की अनुपम देनयोग को अपनाएं जीवन को सुखमय बनाएं
झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता सह हिंदी साहित्य भारती के उपाध्यक्ष संजय सर्राफ ने कहा है कि हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन योग के महत्व, इसकी उपयोगिता और इसकी वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक बन चुका है।
भविष्य बताने वाले, वर्तमान से बेखबर?
जब भी आपदा आती है भविष्य बांचने वाले ऑफलाइन मिलते हैं। कई तो यह तक दावा करते हैं कि उनका ‘ऊपर वाले से सीधा संपर्क’ है। ऐसे देववाचक भी हर बड़ी आपदा, दुर्घटना या संकट के समय चुप क्यों हो जाते हैं?
चारधाम यात्रा में मौत के उड़नखटोले!
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में 15 जून को तड़के एक हेलीकॉप्टर (उड़नखटोला) फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे, जिनमें एक 2 वर्ष का बच्चा भी था। इन सभी की मौके पर ही मौत हो गई है। खराब मौसम के कारण यह हादसा गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के मध्य गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर हुआ।
अहमदाबाद में ‘सपनों की उड़ान’ से सुलगते सवाल
अहमदाबाद में 12 जून की सुबह आम दिनों की तरह सामान्य थी। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि आज की दोपहर रुलाने वाली होगी। एअर इंडिया की फ्लाइट ए1-171 लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गई।
रिश्तों के एटीएम को संभालें, ‘यूजर एग्रीमेंट’ करने से बचें
पिछली सदी में साइकिल की घंटी, सांझ की चौपाल, या आंगन का पीपल रिश्तों की धड़कन होते थे। किसी के दरवाजे पर दो बार दस्तक हुई तो मतलब साफ था-चाय पकाओ, गपशप होने वाली है। आज दरवाजा कम बजता है, मोबाइल ज्यादा। और मोबाइल भी कई बार हाथ में नहीं, डाइनिंग-टेबल पर पड़ा-पड़ा नोटिफिकेशन बजाता है-पैकेज आउट फॉर डिलीवरी।