News Saga Desk
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में 15 जून को तड़के एक हेलीकॉप्टर (उड़नखटोला) फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे, जिनमें एक 2 वर्ष का बच्चा भी था। इन सभी की मौके पर ही मौत हो गई है। खराब मौसम के कारण यह हादसा गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के मध्य गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर हुआ। सुबह लगभग साढ़े पांच बजे हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी और अचानक यह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। खराब मौसम के कारण दृश्यता कम होने की वजह से इस हादसे का होना माना जा रहा है। तत्काल राहत और बचाव दल भेजे गए। रास्ते में मौसम खराब होने के कारण अन्य स्थान पर हार्ड लैंडिंग करने से हेलीकाप्टर क्षतिग्रस्त हुआ है। इसी जून के पहले सप्ताह में भी एक हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण उसकी बीच सड़क पर इमरजेंसी लैंड कराना पड़ा था। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम यात्रियों को लेकर जा रहा था। हेलीकॉप्टर में पांच यात्री, पायलट और सह-पायलट सवार थे।
इस दौरान सह-पायलट को मामूली चोटें आई थीं। यह हेलिकॉप्टर बड़ासु हेलीपैड से उड़ान भरने के तुरंत बाद आपातकालीन लैंडिंग करने पर मजबूर हुआ था। इस साल मई में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से छह सप्ताह में यह पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है। उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवा से केदारनाथ धाम में यात्रा करने वालों की संख्या हर साल लगभग 90 हजार से एक लाख श्रद्धालुओं की है। प्रतिदिन लगभग 1500 श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से केदारनाथ दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन मौजूदा समय में हेलीकॉप्टर की उड़ान कम होने और कुछ एजेंसियों को सस्पेंड किए जाने के बाद टिकट रद्द भी किए जा रहे हैं। टिकट रद्द के बाद श्रद्धालुओं को उनके पैसे वापस करने होंगे। अपनी व्यवस्थाओं से चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं को लेकर मायूसी है।
उत्तराखंड सरकार ने 15 जून के इस हादसे के बाद उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाओं को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव इन दुर्घटनाओं को लेकर बैठक भी कर रहे है।उत्तराखंड में 7 जून को 253 हेलीकॉप्टर शटल सेवा चली, जिसमें 1404 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ तक का सफर तय किया। 8 जून को 208 हेलीकॉप्टर शटल सेवा चली, जिसमें 1161 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ तक का सफर तय किया। 9 जून को हेलीकॉप्टर 186 शटल सेवा चली जिसमें 1043 भक्तों ने बैठकर केदारनाथ के दर्शन किए। 10 जून को मात्र 143 उड़ान केदारनाथ के लिए भरी गई। इसमें 741 श्रद्धालुओं ने सफर किया। 11 जून व 12 जून को केदारनाथ धाम में मौसम खराब होने के कारण कुछ ही हेलीकॉप्टर सुबह उड़ पाए। वास्तविकता यह है कि हेलीकॉप्टर उड़ान के दौरान अब इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा कि कहीं अत्यधिक वजन ढोने, कम निचाई पर हेलीकॉप्टर की उड़ान और एक के बाद एक उड़ान भरने के साथ-साथ दूसरी कोई लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है।
हेलीकॉप्टर के इंजन को आराम मिल सके, साथ ही पायलट को भी बीच में अच्छा खासा ब्रेक मिले, इस बात को भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान पिछले दिनों हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के बाद डीजीसीए ने हेली संचालन से संबंधित कुछ पाबंदी लगाई हैं। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ रही है। चारधाम यात्रा में खासकर केदारनाथ धाम में हेली सर्विस के माध्यम से लगातार श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन कर रहे हैं। हेलीकॉप्टर का सबसे ज्यादा संचालन केदारनाथ धाम के लिए ही हो रहा है। लेकिन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं में इजाफा होने से सरकार और श्रद्धालु दोनों चिंतित है।
बीती 8 मई 2025 को उत्तरकाशी के गंगनानी के पास हेलीकॉप्टर क्रैश में 6 लोगों की मौत हुई। इस साल की इस यात्रा के दौरान 30 दिनों के भीतर चार हेलीकॉप्टर हादसों में 13 लोगों की जान और करोड़ों रुपये के हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त हो गए है। पर्यटन नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने भी इस बात की पुष्टि की है कि डीजीसीए हेली सर्विस पर रिव्यू कर रहा है। इस रिव्यू के तहत कई तरह की रोक व पाबंदियां भी चारधाम यात्रा पर चल रही हैं। केदारनाथ के लिए उड़ने वाली हेलीकॉप्टर सेवा को रेग्युलेट भी किया गया है। हादसे से पहले एक घंटे में यात्रियों को लेकर हेलीकॉप्टर 25 से 30 बार उड़ा करते थे, यह उड़ान तीन अलग-अलग जगह से होती थी। लेकिन अब अब मात्र 1 घंटे में 9 से 10 उड़ान भरी जा रही हैं। डीजीसीए ने यह भी साफ किया है कि जिस हेलीकॉप्टर में छह सवारियां यात्रा कर रही थी, उन हेलीकॉप्टर में अब सिर्फ 3 से 4 सवारियां ही यात्रा कर पाएंगी।
इसके साथ ही वजन और मौसम का भी ध्यान रखा जाएगा। साथ ही मौसम जरा भी खराब होता है तो कोई भी हेली एजेंसी हेली के संचालन को लेकर दबाव नहीं बनाएगी। डीजीसीए हर एक उड़ान और एविएशन की सारी एक्टिविटी पर नजर रख रहा है। ताकि इस रिव्यू को बेहतर तरीके से किया जा सके और आगे का फैसला लिया जा सके। लेकिन इन पाबंदियों के बावजूद खराब मौसम में हेलीकॉप्टर ने 15 जून की सुबह उड़ान भरी जो दुर्घटना का कारण बन गई और 7 जिंदगियां खत्म हो गईं।
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