IIT-ISM के छात्रों की बड़ी सफलता, कम लागत में प्रदूषण नियंत्रण के लिए डेवलप किया मटेरियल

News Saga Desk

रांची। देश में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, और बड़ी फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक तत्व पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि, फैक्ट्रियों से होने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पादन भी देश के विकास के लिए जरूरी हैं, लेकिन प्रदूषण को नियंत्रित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, आईआईटी आईएसएम के छात्रों ने एक ऐसे मैटेरियल को विकसित किया है, जिसका उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में किया जा सकता है। यह मैटेरियल अमेरिका से आयात होने वाले महंगे उत्पादों का सस्ता विकल्प बनकर सामने आया है। पहले जिन मैटेरियल की कीमत लाखों रुपये थी, अब वह महज सौ से दो सौ रुपये में उपलब्ध होगा।

इस उपलब्धि को लेकर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी आज नई दिल्ली में आईआईटी आईएसएम की टीम को पुरस्कृत करेंगे। इस टीम में हाइड्रोजन एवं सीसीयूएस टेक्नोलॉजी सेंटर के प्रमुख एवं केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी नरेश वशिष्ठ, प्रो. एजाज अहमद, डॉ. अफाक अहमद खान, रिया जायसवाल, फहीम, मोदस्सिर अशरफ और अन्य छात्र शामिल हैं। टीम ने ‘नाइट्रोजन-ड्रॉप्ड मल्टीलेयर ग्राफीन नैनो पाउडर’ नामक एक प्रभावी मैटेरियल विकसित किया है, जिसका उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड को कैप्चर करने में किया जाता है। इसके बाद इस कैप्चर किए गए कार्बन डाइऑक्साइड को फॉर्मेल्डिहाइड नामक रसायन में बदला जाता है, जो विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होता है। फॉर्मेल्डिहाइड की कीमत करीब 20 हजार रुपये प्रति लीटर है, और इसका उपयोग केमिकल, पेंट, मेडिकल, प्लाईवुड आदि उद्योगों में होता है।

आईआईटी आईएसएम के छात्रों ने यह मैटेरियल बायोमास बांस से तैयार किया है, जिसे सुखाकर पाउडर बनाया गया और फिर नाइट्रोजन में बदला गया। उच्च तापमान पर इसे तैयार किया गया, जिससे यह सस्ता और प्रभावी समाधान बन गया।


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