News Saga Desk
पोंगल का त्योहार दक्षिण भारत में खास तौर पर मनाया जाता है, जिसमें खुशहाली और समृद्धि का स्वागत किया जाता है। इस त्योहार पर रंगोली बनाने की परंपरा विशेष महत्व रखती है।रंग-बिरंगे रंगों से सजी सुंदर रंगोली न केवल घर को आकर्षक बनाती है, बल्कि यह शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक भी मानी जाती है। पोंगल पर गाय, धान की बालियां, सूर्य देवता और कटाई के उत्सव को दर्शाने वाली पारंपरिक रंगोली डिजाइन काफी प्रचलित हैं. आइए जानते हैं पोंगल पर बनाए जाने वाले खास रंगोली डिजाइनों और उनके महत्व के बारे में।
पोंगल रंगोली के खास डिजाइन:
1.सूर्य देवता की रंगोली

पोंगल त्योहार सूर्य देवता की पूजा के लिए खास माना जाता है. इसलिए सूर्य देवता की आकृति बनाकर उसे रंगों से सजाना एक प्रमुख रंगोली डिजाइन है। पीले और नारंगी रंग का उपयोग सूर्य को दर्शाने के लिए किया जाता है।
2. पोंगल हांडी

पोंगल की हांडी, जिसमें गुड़ और चावल का पकवान बनाया जाता है, इस त्योहार की खास पहचान है. रंगोली में हांडी की आकृति बनाकर उसे चमकीले रंगों से सजाया जाता है. यह डिजाइन पोंगल के उत्सव को जीवंत बनाता है।
3. कोलम डिजाइन

पोंगल पर पारंपरिक कोलम रंगोली बनाई जाती है, जिसमें ज्यामितीय आकृतियों और प्रतीकों का उपयोग होता है। इसे चावल के आटे, हल्दी और रंगीन पाउडर से बनाया जाता है।
4. गाय और धान की बालियां

फसल कटाई के इस पर्व पर गाय को पवित्र माना जाता है। गाय की आकृति और धान की बालियों को रंगोली में शामिल करना शुभता का प्रतीक है। हरे और भूरे रंगों का इस्तेमाल इस डिजाइन को प्राकृतिक लुक देता है।
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