आरक्षण कोटे का युक्तिकरण जनसंख्या के अनुपात के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए

News Saga Desk

श्रीनगर। सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने सोमवार को कहा कि आरक्षण कोटे का युक्तिकरण जनसंख्या के अनुपात के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए और वे कैबिनेट उप-समिति के गठन से संतुष्ट नहीं हैं और छात्रों की संतुष्टि उनके लिए मायने रखती है। मुख्यमंत्री के आवास के बाहर सभा को संबोधित करते हुए आगा रूहुल्लाह ने कहा कि आरक्षण नीति में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए और नीति को सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले या जनसंख्या के अनुपात के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही छात्रों को आश्वस्त किया है कि उनकी शिकायतें वास्तविक हैं और वे न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि मैंने छात्रों से वादा किया था कि मैं उनके पक्ष में प्रदर्शन करूंगा और आज हम उनके लिए लड़ने के लिए यहां हैं। हम अनुकूल परिणाम पाने के लिए हर मंच पर छात्रों के पक्ष में अपनी आवाज उठाएंगे। मुझे पता है कि सरकार ने आपकी बात सुनी है और एक कैबिनेट उप-समिति बनाई है। लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं और मैं केवल तभी संतुष्ट होऊंगा जब छात्र संतुष्ट होंगे। उन्होंने कहा कि मैं कोई अराजकता नहीं चाहता और मैं यहां अपनी पार्टी को विभाजित करने के लिए नहीं आया हूं। मैं न्याय मांगने के लिए हर दरवाजे पर जाऊंगा। लेकिन अगर कोई जम्मू-कश्मीर में अराजकता पैदा करना चाहता है तो मैं उनका विरोध करने के लिए सड़कों पर भी उतरूंगा। रूहुल्लाह ने उन्हें अपना समर्थन देने के लिए पीडीपी नेताओं जिनमें विधायक पुलवामा वहीद पारा और इल्तिजा मुफ्ती और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) शामिल हैं का शुक्रिया अदा किया।

इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और श्रीनगर से सांसद आगा रूहुल्लाह ने श्रीनगर के गुपकर इलाके में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आधिकारिक आवास के बाहर मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

पीडीपी नेता वहीद उर रहमान पारा, शेख खुर्शीद और पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती सहित अन्य लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मौके पर पहुंचे। आगा रूहुल्लाह ने बर्न हॉल स्कूल से विरोध मार्च शुरू किया और जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति में तर्कसंगतता की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के आवास के बाहर पहुंचे। जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति को रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है और छात्र संघ, कई नेता और राजनीतिक दल विरोध प्रदर्शन को समर्थन दे रहे हैं।

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