प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 10 गौरवशाली वर्ष, लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों को बनाया सशक्त

News Saga Desk

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने 10 वर्षों में लाखों उद्यमियों को सशक्त बनाया है। इसके तहत बिना किसी जमानत के ऋण प्रदान किया गया है। इस योजना के तहत एक दशक से भी कम समय में 33.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि 52.37 करोड़ ऋणों के जरिए प्रदान की गई है। पीएमएमवाई 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्‍च किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना के 10 साल पूरा होने पर इसके लाभार्थियों से बात किया और उन्हें बधाई दी।

वित्त मंत्रालय ने मंलवार को एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) का शुभारंभ किया था। इस योजना से संपूर्ण भारत में छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को सशक्त बनाने के 10 गौरवशाली वर्ष पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि आय अर्जित करने वाली गतिविधियों के लिए आसानी से और बिना किसी जमानत के 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है।

मंत्रालय के मुताबिक वित्त मंत्री ने इच्छुक उद्यमियों को मजबूती से सहयोग देने के लिए 23 जुलाई, 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 में इस योजना के तहत ऋण की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की घोषणा की। यह नई सीमा 24 अक्टूबर, 2024 को लागू हुई। ये ऋण बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी), एमएफआई और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से दिए जाते हैं। इस परिवर्तनकारी योजना के तहत 32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जो सभी क्षेत्रों के उद्यमियों को सशक्त बना रहे हैं।

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की सफलता के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कहा, “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने की थी, जिसका उद्देश्य परिश्रमी सूक्ष्म उद्यमों और पहली पीढ़ी के उद्यमियों को सशक्त बनाना है। सीतारमण ने पीएमएमवाई की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “52 करोड़ से अधिक मुद्रा ऋण खातों के लिए 33.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति के साथ यह योजना करोड़ों उद्यमियों को पंख लगाने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।

उन्‍होंने कहा इसके तहत 2015 से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित विभिन्न हाशिए के समुदायों को 11.58 लाख करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण स्वीकृत किए गए हैं। इसके जरिए प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र को वास्तविकता में अमल में लाया गया है। सीतारमण ने कहा, “यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि कुल मुद्रा ऋण खातों में से लगभग 68 फीसदी महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं, जो महिलाओं को राष्ट्रीय आर्थिक विकास में सशक्त बनाने और सक्षम बनाने का एक साधन बन गया है।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी ऐसी सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक है, जिसका उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना है। वित्तीय समावेशन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, क्योंकि यह समावेशी विकास को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पीएमएमवाई छोटे उद्यमियों को बैंकों, एनबीएफसी और एमएफआई से ऋण सहायता प्राप्त करने के लिए मंच प्रदान करता है।”


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