News Saga Desk
रांची। झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में रविवार को हूल दिवस हर्ष और सम्मान के साथ मनाया गया। रांची स्थित सिद्धो-कान्हो पार्क में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) ने भव्य आयोजन किया। संगठन के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सिद्धो-कान्हो, चांद-भैरव, फूलो-झानो के जयघोष के साथ श्रद्धांजलि दी। महतो ने कहा, “हूल दिवस केवल स्मृति का दिन नहीं, यह हमारी प्रेरणा का दिवस है। 30 जून 1855 को भोगनाडीह से शुरू हुआ यह आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत, जमींदारों और महाजनों के खिलाफ पहला संगठित विद्रोह था। यह जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए शुरू हुई चेतना थी जो आज भी प्रासंगिक है।”
उन्होंने कहा कि बाहरी तत्वों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है। सरकारें अब भी कॉरपोरेट हितों के लिए आदिवासी-मूलवासी जमीन और प्राकृतिक संसाधनों को बेचने का रास्ता खोल रही हैं। उन्होंने मांग की कि झारखंड में क्षेत्रीय अधिकार, आरक्षण और सम्मान को सुनिश्चित किया जाए।
कई राज्यों में मनाया गया हूल दिवस
इस मौके पर रांची जिला अध्यक्ष आलोक उरांव, पार्वती देवी, संतोष साहू, चंदन रजक, रविंद्र दीपक, अनूप सिंह, अजहर अंसारी और प्रभाकर सहित कई संगठन पदाधिकारी मौजूद रहे। बताते चलें कि हूल दिवस न केवल झारखंड में बल्कि पश्चिम बंगाल, बिहार, ओड़िशा और असम जैसे राज्यों में भी मनाया जाता है।
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