News Saga Desk
रांची। JSSC-CGL परीक्षा में कथित धांधली की जांच कर रही सीआईडी की एसआईटी ने 3 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मास्टरमाइंड अमरेश दीक्षित को यूपी के गोरखपुर से गिरफ्तार किया है। इस केस में दूसरी गिरफ्तारी बिहार के औरंगाबाद से की गयी है। एक अन्य आरोपी का नाम विकास राय है।सीआईडी के अधिकारी तीनों को लेकर शुक्रवार को सुबह रांची पहुंचेंगे। गौरतलब है कि इस केस में 8 लोगों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। इन 8 लोगों में आईआरबी के 5 जवान, असम राइफल्स का 1 जवान और के होमगार्ड जवान शामिल है। सीआईडी ने अपनी अब तक की जांच में यह पाया है कि गोरखपुर के रहने वाले अमरेश दीक्षित ने आईआरबी के जवानों से संपर्क किया था। उसने जवानों के जरिए अभ्यर्थियों को यह झांसा दिया था कि उनको सीजीएल परीक्षा का क्वेश्चन पेपर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके एवज में अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली गयी थी।
इसमें आईआरबी के और जवान की सीआईडी को तलाश है.
बताया जा रहा है कि आईआरबी का ये जवान जनवरी से पहले ही ईएल लेकर गायब हो गया था। इस जवान ने भी सीजीएल परीक्षा का फॉर्म भरा था। उसने कई अभ्यर्थियों को इस बात के लिए प्रेरित किया कि वे पेपर के बदले पैसे दें। फिर मास्टरमाइंड ने अभ्यर्थियों से पैसे वसूले।
आरोपियों के मोबाइल से ट्रांजेक्शन के सबूत मिले
सीआईडी के एसआईटी की अब तक जांच में पता चला है कि मास्टरमाइंड और कुछ अभ्यर्थियों के बीच पेपर के बदले पैसों का लेन-देन तो हुआ है लेकिन पेपर उपलब्ध नहीं कराया गया था। एसआईटी ने जांच के दौरान जिन आईआरबी जवानों को गिरफ्तार किया है उनके मोबाइल फोन में जवानों और अभ्यर्थियों के बीच पैसों के लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं. कई बैंक खाते भी चिन्हित किए गये हैं जिनके जरिये पैसों का ट्रांजेक्शन किया गया था। एसआईटी ने दावा किया है कि अब तक पेपर लीक से जुड़ा कोई तकनीकी या भौतिक साक्ष्य नहीं मिला है। मोबाइल फोन पर भी कोई प्रश्न पत्र नहीं मिला है। कहा जा रहा है कि छात्रों को मनमुताबिक सवाल बताकर गिरोह के सदस्यों ने पैसों की वसूली की थी। हालांकि, एसआईटी की जांच अभी जारी रहेगी। गिरफ्तार आरोपियों के पास कई अभ्यर्थियों के आईकोर्ड सहित अन्य दस्तावेज मिले हैं। करीब 28 अभ्यर्थियों का बयान रिकॉर्ड किया गया है।
पिछले दिनों आईआरबी के 5 जवानों की गिरफ्तारी
गौरतलब है कि सीआईडी की एसआईटी ने इस केस में आईआरबी जवान कुंदन उर्फ मंटू, रोबिन कुमार, अखिलेश कुमार, गौरव कुमार, अभिलाष कुमार को गिरफ्तार किया है। डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर इन्हें निलंबित कर दिया गया है। डीजीपी ने इन जवानों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाने का भी आदेश दिया है।
आपको बता दूं कि बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने भी कहा कि इस केस में अब तक पेपर लीक के सबूत नहीं मिले हैं। फिर भी हमारी जांच जारी है। झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को 7 मई तक जांच की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है और जांच पूरी होने तक रिजल्ट के प्रकाशन पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि 11 दिसंबर 2024 को इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन हो चुका है. हालांकि, ये फाइनल सिलेक्शन नहीं है।
पिछले साल सितंबर में ली गई थी सीजीएल परीक्षा
जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को झारखंड के अलग-अलग जिलों में बने परीक्षा केंद्र में ली गयी थी। इस परीक्षा में धांधली के आरोप लगे।
अभ्यर्थियों ने दावा किया कि परीक्षा का पेपर पहले ही लीक हो चुका था.
हालांकि, आयोग ने इससे इनकार किया. दबाव बढ़ा तो हेमंत सोरेन सरकार ने सीआईडी को जांच सौंप दी। हालांकि, अभ्यर्थी और विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की। पिछले दिनों आईआरबी और असम राइफल्स के जवानों की गिरफ्तारी के बाद भी नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस केस की सीबीआई जांच की मांग की है।
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