झारखंड शराब घोटाला: ACB की FIR ने खोली पोल,नकली डॉक्यूमेंट देकर किया घोटाला

News Saga Desk

रांची। झारखंड में हुए शराब घोटाला मामले में एसीबी की ओर से जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई वह यह बताने के लिए प्रर्याप्त है कि ₹ 38.44 करोड़ के घोटाले के लिए केवल और केवल अधिकारी जिम्मेदार हैं। एसीबी की ओर से उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग तत्कालीन सचिव विनय चौबे सहित 13 लोगों पर नामजद एफआईआर कराया गया है। एफआईआर में जिस तरह की बात बताई गई है, उससे यह साफ होता है कि अधिकारियों ने जानबूझकर इस करोड़ों के घोटाले को होने दिया है।

3 जून तक के लिए विनय चौबे को न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

3 जून तक के लिए विनय चौबे को न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

जानिए, FIR की मूल बात क्या है

दर्ज प्राथमिकी में घोटाले की परत खोल कर रख दी गई है। बताया गया है कि दो प्लेसमेंट एजेंसियों की फर्जी बैंक गारंटी की अधिकारियों ने जांच तक नहीं की। जिसकी वजह से 38.44 करोड़ का शराब घोटाला हुआ। बैंक गांरटी के संबंध में संबंधित बैंक के प्रबंधक द्वारा बताया कि यह बैंक गारंटी न तो बैंक द्वारा निर्गत किया गया है और न ही इस पर प्रयुक्त लेटर हेड, सिग्नेचर बैंक से संबंधित है।

इसके बाद भी इन प्लेसमेंट एजेंसियों पर कार्रवाई नहीं की गई। एसीबी की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि उक्त दोनों प्लेसमेंट एजेंसियों ने वर्ष 2023 से ही फर्जी बैंक गारंटी दे उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पदाधिकारियों-कर्मियों की मिलीभगत से साजिश रचते हुए लगातार कार्य किया।

नियमानुकूल रिकवरी नहीं होने पर मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर मार्च 2025 तक 12 करोड़ 98 लाख 18 हजार 405 रुपए व मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर मार्च 2025 तक 25 करोड़, 46 लाख 66 हजार 313 रुपए की देनदारी होने की बात सामने आई है।

मार्शन इनोवेटिव ने जोन 4 में की थी मैनपॉवर सप्लाई

इसी तरह मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्रा.लि. का चयन जोन-4 के अधीन धनबाद जिले की खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर आपूर्ति के लिए हुआ था। कंपनी ने जेएसबीसीएल में पांच करोड़, दो लाख की बैंक गारंटी जमा की थी। जेएसबीसीएल ने फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद स्पष्टीकरण मांगा तो कंपनी के निदेशक जगन तुकाराम देसाई ने बताया कि उनके लोकल प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह ने धोखाधड़ी कर ऐसा किया है।

मैनपॉवर आपूर्ति के लिए विजन हॉस्पिटैलिटी का चयन

मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड का चयन जोन दस के जिलों की खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर आपूर्ति के लिए हुआ था। इसने ठेका लेने के लिए जेएसबीसीएल में पांच करोड़, 35 लाख 35 हजार 241 रुपये का फर्जी बैंक गारंटी जमा किया था। बैंक गारंटी पर कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह का हस्ताक्षर है। किसी भी पदाधिकारी ने किसी भी स्तर पर उक्त बैंक गारंटी का सत्यापन नहीं किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी एसीबी की कार्रवाई को आई वॉश बताया

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27 सितंबर 2024 को एसीबी ने दर्ज की थी पीई

27 सितंबर 2024 को एसीबी ने प्रारंभिक जांच (पीई) संख्या 03/2024 दर्ज हुई थी। एसीबी के इंस्पेक्टर विनय कुमार राम ने पूरे मामले की जांच की। जांच के क्रम में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के माध्यम से चयनित मैनपावर आपूर्ति करने वाली उपरोक्त दो प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा फर्जी बैंक गांरटी देकर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने का साक्ष्य सामने आया।

13 नामजद व अन्य अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी

दर्ज प्राथमिकी के शिकायतकर्ता एसीबी के इंस्पेक्टर विनय कुमार राम हैं। 13 नामजद व अन्य अज्ञात के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी में एसीबी ने बताया है कि किस तरह सबने मिलकर एक साजिश के तहत फर्जीवाड़ा किया और विभाग को राजस्व का नुकसान पहुंचाया।

चयनित मैनपावर आपूर्ति करने वाली दो प्लेसमेंट एजेंसियों मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने आपसी मिलीभगत से एक साजिश के तहत सामूहिक अपराध व साजिश के तहत फर्जी बैंक दस्तावेज का प्रयोग कर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाया।

इतना ही नहीं, इन दोनों ही प्लेसमेंट एजेंसियों के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट में भी बैंक गारंटी अवधि विस्तार से संबंधित फर्जी पत्र दाखिल किया। एसीबी जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है।


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