News Saga Desk
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार रात बहुचर्चित एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट पर हस्ताक्षर कर दिए। कांग्रेस के दोनों सदनों , सीनेट और प्रतिनिधि सभा , से विधेयक पारित होने के एक दिन बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। अब न्याय विभाग के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि वह 30 दिनों के भीतर यौन अपराधों के दोषी दिवंगत जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक करे।
अमेरिकी ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम डेमोक्रेट्स पर भी भारी पड़ेगा और “सच्चाई सबके सामने आएगी।” ट्रंप पहले इन फाइलों को सार्वजनिक करने के खिलाफ थे, लेकिन अब उन्होंने दस्तावेज जारी करने के लिए कानून पर हस्ताक्षर कर दिए।
कांग्रेस से पारित विधेयक के अनुसार, न्याय विभाग को एफबीआई और विभिन्न अटॉर्नी कार्यालयों में मौजूद एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करना होगा। हालांकि, विधेयक में यह भी प्रावधान है कि अटॉर्नी जनरल उन सूचनाओं को रोक या संपादित कर सकते हैं जो किसी सक्रिय जांच को प्रभावित करें, पीड़ितों की पहचान उजागर करें या जिनमें संवेदनशील चिकित्सा जानकारी शामिल हो।
विधेयक के तहत बाल यौन शोषण से संबंधित सामग्री को सार्वजनिक न करने का भी विकल्प दिया गया है। यदि न्याय विभाग किसी भी दस्तावेज को रोकने का निर्णय लेता है, तो उसे कांग्रेस को विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी जिसमें कानूनी और तार्किक आधार स्पष्ट किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप हाल ही में न्याय विभाग से एपस्टीन के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, जेपी मॉर्गन चेज अधिकारियों और अन्य प्रभावशाली हस्तियों के साथ संबंधों की जांच करने की मांग कर चुके हैं। एपस्टीन ने 2019 में न्यूयॉर्क की एक जेल में आत्महत्या की थी।
एपस्टीन और ट्रंप के रिश्तों को लेकर पहले भी विवाद खड़े हो चुके हैं, लेकिन ट्रंप ने इन आरोपों से लगातार इनकार किया है और कुछ मीडिया संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर चुके हैं, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली।
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