महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिख रहा है मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश देश के हृदय स्थल में बसा एक ऐसा राज्य है जिसने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में आज पूरे देश में नई मिसाल कायम कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार ने स्व-सहायता समूहों को महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बनाया है।
पत्रकारिता में कभी सत्रावसान नहीं होता
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने लोकतंत्र में प्रेस की भूमिका के बारे में कहा था कि पत्रकारों पर लोकतांत्रिक परम्पराओं की रक्षा करने और शांति व भाईचारा बढ़ाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय अखण्डता के संदर्भ में पत्रकारिता की भूमिका की बात करें तो लोकतंत्र के अन्य स्तंभों के मुकाबले प्रेस की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है….
‘दीनी तालीम के नाम पर बच्चों से छल करते अवैध मदरसे’
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में एक पंथ को माननेवालों की मजहबी शिक्षा से किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती और न ही कभी होनी चाहिए। किंतु जब बात देश के सुनहरे भविष्य की हो और उस भविष्य को यदि मजहबी तालीम के नाम पर सीमित रखने, उसकी बु्द्धि के विकास को षड्यंत्रपूर्वक रोकने का प्रयास हो, तब जरूर देश के हर नागरिक को अपने पंथ, रिलीजन, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर इसे आड़े हाथों लेने में गुरेज नहीं करना चाहिए।
वीर सावरकर जयंती: जेल की दीवारों पर कील-कांटों से लिख दी क्रांति
अस्पृष्यता एक पाप है, मानवता पर एक धब्बा है और कोई भी इसे उचित नहीं ठहरा सकता । यह प्रसिद्ध पंक्ति विनायक दामोदर सावरकर की थी। वे एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक, वकील और हिन्दुत्व के दर्शन के सूत्रधार थे।
घातक है ‘जहरीली’ हरियाली, कॉनोकार्पस के खतरे हजार
मानसून ने देश मे दस्तक दे दी है और पूरे भारत में पर्यावरण संरक्षण और हरियाली के नाम पर पौधरोपण का दौर भी शुरू हो गया है। हर वर्ष की तरह इसमें सैकड़ों करोड़ रुपये भी खर्च होंगे।
भारतीय दर्शन में दुख का मूल कारण ‘अविद्या’
बुद्ध का दुख विश्लेषण विश्वदर्शन में श्रेष्ठतम है। अभिभूत करने वाला है। इसकी अंतिम कड़ी है ‘अविद्या’। अविद्या का मतलब मूर्खता नहीं है। सृष्टि-जगत को सार रूप में न जानना ही ‘अविद्या’ है। भारतीय दर्शन की सभी शीर्ष धाराओं में दुख का मूल कारण ‘अविद्या’ है।
डिजिटल युग में बचपन और रिश्तों का संकट
डिजिटल युग ने जहां हमारी दुनिया को एक-दूसरे के बेहद करीब ला दिया है, वहीं इसके प्रभाव ने बच्चों के जीवन और पारिवारिक रिश्तों में गहरे बदलाव भी ला दिए हैं। आज के बच्चे आँगन की मिट्टी छोड़कर स्मार्टफोन, टैबलेट और गेमिंग की आभासी दुनिया में खोते जा रहे हैं।
ग्रीन एनर्जी का अमरावती मॉडल देगा दुनिया को नई दिशा
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए जहां दुनिया के देशों में टुकड़ों-टुकड़ों में काम हो रहा है, वहीं आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती को पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी से संचालित शहर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने काम भी शुरू कर दिया है।
लाइक्स की दौड़ में पहचान खोती जा रही नारी, सशक्तिकरण का भ्रम
सोशल मीडिया पर नारी देह का बढ़ता प्रदर्शन क्या वाकई सशक्तिकरण है या महज़ लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़। इससे क्या हम सच्ची आज़ादी की ओर बढ़ रहे हैं या एक डिजिटल पिंजरे में कैद हो रहे हैं। अब तो ऐसा लगता है कि आत्मसम्मान की जगह केवल देह की नुमाइश रह गई है।
अप्राकृतिक देश है पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के मध्य यह पांचवा युद्ध है। इसके अलावा पाकिस्तान द्वारा समय-समय पर भेजे गए आतंकवादियों द्वारा की गई सैकड़ों हत्याएं भी इसी तरह के युद्ध का हिस्सा रही हैं। पाकिस्तान ने कोई विकल्प नहीं छोड़ा, तो भी भारत ने पहले दिन केवल आतंकवादी शिविरों पर ही हमला किया।