श्रद्धापूर्वक किया गया कार्य ही श्राद्ध है
श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धापूर्वक किया गया कार्य जिससे पितरों को शांति मिलती है। श्राद्ध की उत्पत्ति पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता से हुई है जिसकी शुरुआत वैदिक काल से मानी जाती है। महाभारत के अनुसार सबसे पहले महर्षि निमि ने अत्रि मुनि के उपदेश से श्राद्ध किया और यह परंपरा धीरे-धीरे प्रचलित हुई।
अकेलेपन से आत्महत्या तक: मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने का समय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से प्रतिवर्ष 10 सितम्बर को दुनियाभर में तेजी से बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के उद्देश्य से ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत ‘इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन’ (आईएएसपी) द्वारा 2003 में की गई थी।
कांग्रेस के लिए अभी भी `दिल्ली’ बहुत दूर है
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव के साथ पूरे बिहार का दौरा करने के बाद कांग्रेस के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले राहुल गांधी अपने लोगों में यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने बिहार जीत लिया।
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा से भारत को क्या हासिल हुआ ?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया चीन यात्रा को केवल औपचारिक शिखर सम्मेलन में उपस्थिति मान लेना भूल होगी। यह यात्रा उस समय हुई है जब भारत-चीन के बीच सीमा पर भरोसे का संकट गहरा है, भारत-अमेरिका संबंध का एक नया पन्ना सामने है और रूस के साथ भारत का ऊर्जा तथा रक्षा सहयोग अभूतपूर्व स्तर तक पहुँचा है।
क्या राजनीति में सस्ती लोकप्रियता का मार्ग अपशब्द हैं
संसदीय व्यवस्था में चुनावों से राष्ट्र का भाग्य तय होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है। भारत के लोग ही भारत के भाग्य विधाता हैं। निष्पक्ष चुनावों से लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होती है। जन गण मन का शासन मिलता है। भारतीय शासन प्रणाली में संसदीय जनतंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।
कोई माने या ना माने, कांग्रेस का दिल तो मुसलमानों के लिए धड़कता है !
असम की राजनीति में अचानक एक ‘लेटर बम’ फूटा है। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद (ए) के प्रमुख अरशद मदनी ने दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी थी।
भारत-जापान संबंध : निवेश से रणनीति तक नई ऊँचाइयाँ
भारत और जापान के बीच संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से गहरे और सार्थक रहे हैं। बौद्ध धर्म से शुरू हुआ यह रिश्ता आज इक्कीसवीं सदी में व्यापक आर्थिक, रणनीतिक और तकनीकी साझेदारी का एक व्यापक एवं भरोसेमंद रूप ले चुका है।
असम सरकार का ‘शूट एट साइट’ आदेश और हिंदू त्योहारों की सुरक्षा
भय बिनु होइ न प्रीति। गोस्वामी तुलसीदास की यह चौपाई केवल अध्यात्म का संदेश नहीं, बल्कि शासन और व्यवस्था के लिए भी गहरी सीख है। यही कारण है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दुर्गा पूजा से ठीक पहले धुबरी जिले में शूट एट साइट का आदेश देकर स्पष्ट संकेत दिया कि अब त्योहारों की आड़ में साम्प्रदायिक हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
सक्षम नेतृत्व का संदेश है गणेशोत्सव
सनातन परंपरा में गणपति पूजन सबसे पहले होता है। शिवाजी महाराज से लेकर लोकमान्य तिलक तक सभी ने सामाजिक जाग्रति के लिये गणेशोत्सव को ही सबसे बड़ा माध्यम बनाया था। तब ये जिज्ञासा स्वाभाविक है कि आखिर गणपति जी का पूजन ही सर्व प्रथम क्यों होता है।
गणेशोत्सव पर विनायक की आराधना से समस्त शारीरिक एवं मानसिक बाधाओं का होता है नाश
हम सभी भारतीयों के जीवन में गणेशोत्सव का गहरा महत्व है। गणेश उत्सव के दस दिनों में घर-घर में गणपति बप्पा की स्थापना होती है और भक्तजन पूरे मन से उनकी पूजा-उपासना करते हैं। पहले दिन गणपति की स्थापना और आखिरी दिन विसर्जन की परंपरा इस त्योहार को विशेष बनाती है।