News Saga Desk
नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला मंगलवार को वापस पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनके साथ उनका क्रू भी वापस आया। शुभांशु का ये मिशन भारत के लिए बेहद अहम है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत गगनयान मिशन को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर चुका है। ये मिशन भारत का पहला मानवरिहत मिशन होगा।
शुभांशु शुक्ला पहले ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर कदम रखा है। इससे पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 41 साल पहले अंतरिक्ष यात्रा की थी। ISS पर रहते हुए शुभांशु ने 7 परीक्षण किए हैं। इन परीक्षणों से मिलने वाले नतीजे और शुभांशु के अनुभव को मिशन गगनयान में इस्तेमाल किया जाएगा।
पीएम मोदी ने शुभांशु का कामयाबी को बताया मील का पत्थर
प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु का स्वागत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से अरबों सपनों को प्रेरित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।”
I join the nation in welcoming Group Captain Shubhanshu Shukla as he returns to Earth from his historic mission to Space. As India’s first astronaut to have visited International Space Station, he has inspired a billion dreams through his dedication, courage and pioneering…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2025
इसरो के मिशन गगनयान में शुभांशु के अनुभव से मिलेगी सहूलियत
इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा, ”शुभांशु शुक्ला द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताए गए समय के दौरान हासिल किए गए अनुभव अगले दो सालों में तय गगनयान मिशन के लिए काफी अहम होगा। यह उनके (शुभांशु) लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा है। उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन पर कई प्रयोग किए।”
अंतरिक्ष और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का अनुभव करने के बाद उन्होंने कई वैज्ञानिक परीक्षण भी किए। यह मिशन हमारे लिए सीखने का एक बड़ा अवसर रहा है। इसरो ने यह मिशन इसलिए शुरू किया ताकि वह अनुभव प्राप्त कर सके जो गगनयान मिशन में हमारी मदद करेगा।
नीलेश एम. देसाई, निदेशक,अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, इसरो
उन्होंने आगे कहा कि गगनयान मिशन इस साल के आखिर एक मानवरहित उड़ान के साथ शुरू होगा। उन्होंने कहा, “हम इस साल एक मानवरहित मिशन लांच करेंगे, जिसके बाद दो और मानवरहित उड़ानें होंगी। इसके बाद, एक भारतीय एस्ट्रोनाट को गगनयान के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। वह दो से सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे और फिर पृथ्वी पर वापस लौटेंगे।”
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