तेल अवीव। इजराइल ने कतर से संचालित अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल अल जजीरा और आतंकवादी संगठन हमास के बीच गहरे गठजोड़ का खुलासा किया है। इजराइली खुफिया एजेंसी मीर अमेट खुफिया और आतंकवाद सूचना केंद्र ने एक विस्तृत वृत्तचित्र जारी कर आरोप लगाया कि गाजा युद्ध के दौरान अल जजीरा ने हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा दिया और उसके आतंकियों को मनोवैज्ञानिक समर्थन दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल जजीरा के लिए काम करने वाले कई पत्रकार हमास की सैन्य शाखा से जुड़े थे, जिनमें कुछ 7 अक्टूबर 2023 के इजराइल पर हमले में भी शामिल रहे। केंद्र के मुताबिक, हमास और अल जजीरा के बीच तालमेल कोई आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित और लगातार चलने वाला सहयोग था। दोनों के बीच एक “सुरक्षित टेलीफोन लाइन” तक स्थापित की गई थी, ताकि कवरेज को हमास की रणनीति के अनुरूप नियंत्रित किया जा सके।
वृत्तचित्र में यह भी दिखाया गया कि गाजा युद्ध के दौरान अल जजीरा ने हमास के संदेश, बंधकों के वीडियो और रिहाई समारोहों का विशेष प्रसारण किया, जबकि हमास विरोधी प्रदर्शनों को नजरअंदाज किया गया। चैनल ने हमास आतंकवादियों को मुजाहिदीन और शहीद कहकर संबोधित किया तथा इजराइली सैनिकों को कब्जे वाले बताया।
इजराइली रिपोर्ट में दावा किया गया कि कतर की सरकार और शाही परिवार वर्षों से हमास के करीबी सहयोगी हैं, जो उसे वित्तीय मदद, मानवीय सहायता और राजनीतिक संरक्षण प्रदान करते रहे हैं। अल जजीरा, जो कतर के शासक परिवार के नियंत्रण में है, इसी सहयोग का प्रचार माध्यम बन गया है।
इजराइल सरकार ने कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग पत्रकारिता नहीं बल्कि आतंकवाद का प्रचार है। इस खुलासे ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया जगत में हलचल मचा दी है और अब कतर व अल जजीरा से स्पष्टीकरण की मांग तेज हो गई है।
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