News Saga Desk
जमशेदपुर | जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान कीं। उन्होंने कहा कि बेटियों की शिक्षा समाज की वास्तविक प्रगति का आधार है। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त छात्राओं को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि उनके परिश्रम, अनुशासन और समर्पण का परिणाम है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि एक इंटरमीडिएट कॉलेज से विश्वविद्यालय तक पहुँचना महिला शिक्षा और सशक्तिकरण का प्रेरक उदाहरण है। उन्होंने यह भी बताया कि इस विश्वविद्यालय की पूर्व छात्राएँ शिक्षा, प्रशासन, विज्ञान, उद्यमिता, कला और खेल सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दे रही हैं। अपने संबोधन में राज्यपाल ने नारी-सशक्तिकरण, बेटियों की शिक्षा, कौशल विकास और महिला उद्यमिता से जुड़े सरकारी अभियानों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम पूरे देश में दिख रहे हैं और भारत की बेटियाँ विश्व स्तर पर नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। झारखंड की बेटियाँ भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि जीवन की नई यात्रा की शुरुआत है। उन्होंने छात्राओं को सलाह दी कि वे जिस भी क्षेत्र में आगे बढ़ें, उसमें मानवीय संवेदनाएँ, नैतिक मूल्य और सामाजिक जिम्मेदारी बनाए रखें। उन्होंने अनुशासन, निरंतर सीखने और आत्मविश्वास को सफलता का आधार बताया। साथ ही कहा कि राज्य के कई दीक्षांत समारोहों में छात्राओं का अधिक संख्या में पदक लाना उभरती नारी-शक्ति का प्रमाण है
उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नियमित कक्षाएँ, समय पर परीक्षाएँ और समयबद्ध परिणाम सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय महिला शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता का केंद्र बनेगा। अंत में उन्होंने सभी छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि झारखंड की प्रतिभाशाली बेटियाँ ‘विकसित भारत@2047’ के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
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