News Saga Desk
रांची। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन सरकार की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल खड़े करते रहे हैं। ताजा मामला गृह विभाग द्वारा डीजीपी कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगे जाने से जुड़ा हुआ है। दरअसल पुलिस मुख्यालय द्वारा हाल ही में आठ आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। जिस पर गृह विभाग ने कड़ी आपत्ति जताई है।
गृह विभाग ने इस आदेश को नियमविरुद्ध करार देते हुए रद्द कर दिया है। विभाग ने डीजीपी कार्यालय से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। इसी मुद्दे को लेकर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं, ना उनपर कोई विभागीय कार्रवाई लागू होती है। ना तो उन्हें वेतन मिल रहा है कि मुख्यमंत्री उनका वेतन रोक सकते हैं।

बाबूलाल मरांडी का ट्वीट
लेकिन पुलिस विभाग के सारे तुगलकी आदेश वही दे रहे हैं। सिपाहियों तक की ट्रांसफ़र-पोस्टिंग कैसे ले-देकर हो रही है? पता कर लीजिये। कोई नहीं बताये तो हमें कॉल करिएगा, विस्तार से सब बता देंगे। उन्होंने कहा स्पष्टीकरण किससे मांग रहे हैं?
मुख्यमंत्री जी..आपकी चुप्पी और बेबसी क्या दर्शाती है?
बाबूलाल मरांडी ने अपने X अकाउंट पर लिखा यह बात आपको कैसे समझ में नहीं आ रही मुख्यमंत्री जी? आपकी की चुप्पी और बेबसी क्या दर्शाती है? या तो आपको पता नहीं, या आप पूरी तरह अयोग्य हैं। या फिर आपको सब पता है कि इस हालात के लिये आप स्वयं दोषी हैं। यह कौन नहीं जानता है कि झारखंड के कुछ बेलगाम अफसर अब संविधान से नहीं, सत्ता के साथ ‘नेटवर्क’ से चलते हैं।
अब जानिए क्या है डीजीपी को भेजे गए पत्र में
गृह विभाग ने डीजीपी को भेजे गए पत्र में कहा है कि यह स्पष्ट किया जाए कि किन परिस्थितियों में इन अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। साथ ही, इसमें कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2010 में जारी संकल्प का भी हवाला दिया गया है।
संकल्प के अनुसार, अखिल भारतीय सेवा के पदाधिकारियों की अल्प अवधि के लिए मुख्यालय से अनुपस्थिति की स्थिति में ऑप्शनल व्यवस्था के तहत अधिकतम एक माह के लिए अतिरिक्त प्रभार देने का निर्णय मुख्य सचिव स्तर से लिया जा सकता है।

गृह विभाग की ओर से डीजीपी को भेजी गई चिट्ठी
वहीं, एक माह से अधिक की अवधि के लिए प्रभार सौंपने के लिए मुख्यमंत्री की स्वीकृति अनिवार्य है। लेकिन, 10 जून को पुलिस मुख्यालय, रांची से जारी आदेश में बिना सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के आठ आईपीएस को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराने का निर्देश
गृह विभाग ने इसे प्रक्रियात्मक त्रुटि मानते हुए निर्देश दिया है कि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। इस आदेश के बाद अतिरिक्त प्रभार दिए गए आठ आईपीएस अफसरों को पहले की ही स्थिति में काम करना होगा। जबतक उचित प्रक्रिया के तहत नए आदेश जारी नहीं हो जाते हैं।
सुप्रियो बोले-पहले अपना कार्यकाल बताएं मरांडी
बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने तीखा पलटवार किया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यदि बाबूलाल के पास ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेन-देन की इतनी जानकारी है, तो वे यह भी बता दें कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने क्या किया था?

सुप्रियो बोले-पहले अपना कार्यकाल बताएं मरांडी
सुप्रियो ने तंज कसते हुए कहा, अगर बाबूलाल जी के पास इतने अनुभव हैं, तो हमें तकनीकी जानकारी दें। हम उसे हेमंत बाबू तक पहुंचा देंगे, ताकि अगली बार आपके हिस्से का हिस्सा भी उन्हें इज्जत से पहुंचा दें। उन्होंने यह भी पूछा कि बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी को ‘शैडो डीजीपी’ कहा है, अगर वे इसे असंवैधानिक मानते हैं, तो कोर्ट क्यों नहीं जाते? क्या उन्हें संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं रहा?
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