News Saga Desk
नई दिल्ली। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे गुरुवार (21 फरवरी) को भारत की राजधानी नई दिल्ली पहुंचे। उनकी अगवानी केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री पवित्रा मार्गरिटा ने किया। पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री यहां स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) कॉन्क्लेव के पहले संस्करण में हिस्सा ले रहे हैं। इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। आइए जान लेते हैं कि क्या है स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) कॉन्क्लेव, क्या है इसका मकसद?
गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों को बढ़ावा देना
दरअसल, स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप की ओर से पहली बार नई दिल्ली के भारत मंडपम में कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसका आयोजन 21 और 22 फरवरी को होगा। इस दो दिवसीय SOUL कॉन्क्लेव में राजनीति, खेल, कला, मीडिया, आध्यात्मिक दुनिया, बिजनेस और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां अपने-अपने अनुभवों को साझा करेंगी। SOUL का उद्देश्य भारत की राजनीति में ऐसे लोगों को बढ़ावा देना है, जो वास्तव में राजनीतिक पृष्ठिभूमि से नहीं आते हैं। ये लोग अपनी नेतृत्व क्षमता, सामाजिक सेवा और योग्यता के दम पर समाज में कुछ नया करना चाहते हैं। इसी उद्देश्य के मद्देनजर SOUL की ओर से इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है।
गांधीनगर में है स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप
स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) वास्तव में गुजरात का एक प्राइवेट इंस्टीट्यूशन है। इसकी स्थापना समान सोच वाले लोगों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार की गई है। SOUL की वेबसाइट पर बताया गया है कि यह संस्थान गांधीनगर के बाहरी इलाके में स्थित है। इसका कैम्पस 22 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है।इसके जरिए सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के लीडर्स को आज की दुनिया में लीडरशिप के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए योग्यता और विशेषज्ञता जैसे टूल्स तक पहुंच सुनिश्चित की जाती है। इस संस्थान का उद्देश्य लीडरशिप को एक पॉजिटिव फोर्स के रूप में समाज के लिए लाभकारी बनाना है।
नए तरीके से लीडरशिप की कल्पना
SOUL की परिकल्पना ऐसी लीडरशिप को तैयार करना है जो पारंपरिक मॉडल से अलग हो। यह भारतीय सभ्यता के ज्ञान और सर्वोत्तम वैश्विक परंपराओं से प्रेरणा लेकर एक सहयोगात्मक और मूल्य-संचालित मॉडल को अपनाकर लीडरशिप की नए सिरे से कल्पना करता है। यह संस्थान अपने करियर के अलग-अलग चरणों में लीडरशिप की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए कार्यक्रमों की एक सीरीज प्रदान करता है। इनमें शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म एजुकेशन प्रोग्रामर शामिल हैं, जिनका उद्देश्य भविष्य के लिए दूरदर्शी लीडरशिप को तैयार करना है।
संस्थान की वेबसाइट पर बताया गया है कि इसका विजन लोगों के हित को बढ़ावा देने के लिए ऑथेंटिक लीडर तैयार करना है। इसका मिशन लीडरशिप को बढ़ावा देना और कठोर लीडर्स को मूल्यों, अनुभवों, फेलोशिप और जिज्ञासा से सशक्त बनाना है, जिससे वे लोगों के हित में काम कर सकें। संस्था के मूल्यों में उत्कृष्टता, सत्यनिष्ठा और सेवा शामिल हैं।
ये हस्तियां होंगी शामिल
SOUL की ओर से दिल्ली में हो रहे लीडरशिप कॉन्क्लेव में पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। भूटान के प्रधानमंत्री कीनोट एड्रेस करेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, भारती इंटरप्राइजेज के संस्थापक सुनील मित्तल, पिरामल समूह के चेयरमैन अजय पिरामल, विश्व शतरंज चैंपियन गुकेश डोमराजू आदि लोग हिस्सा ले रहे हैं। दूसरे दिन के कॉन्क्लेव में देश की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जैसे अहम लोग शामिल होंगे।
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