राजद विधायक दल के नेता बने तेजस्वी यादव, चुनावी हार और पारिवारिक विवाद से बढ़ी चुनौतियाँ

News Saga Desk

राष्ट्रीय जनता दल | राजद विधायक दल की बैठक में तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। तेजस्वी के आवास पर हुई इस बैठक में निर्वाचित विधायकों के साथ लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। हालांकि बैठक समाप्त होने से पहले ही लालू प्रसाद और राबड़ी देवी बाहर चले गए।

बैठक में इस बार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार पर विस्तृत चर्चा की गई। राजद सांसद संजय यादव भी मौजूद रहे। पार्टी ने खराब प्रदर्शन के लिए चुनाव आयोग के पक्षपातपूर्ण रवैये और EVM हैकिंग को जिम्मेदार बताया। साथ ही सीमांचल क्षेत्र में संगठन की कमजोर स्थिति और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बढ़ते प्रभाव पर भी समीक्षा की गई।
243 सीटों में से एनडीए को 202 सीटें मिलीं, जबकि राजद 143 सीटों पर लड़कर सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई।


लालू परिवार की कलह बनी नई चुनौती

बैठक के दौरान परिवार में चल रहे विवाद पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन यह मुद्दा पार्टी के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने हाल ही में सोशल मीडिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि पिता को किडनी दान करने के बाद उन्हें टिकट और पैसों की लालसा का ताना देकर अपमानित किया गया। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें “अनाथ बना दिया गया” और विवाहित महिलाओं को सलाह दी कि “पिता को बचाने की गलती मत करना अगर पिता का बेटा मौजूद हो।”


एनडीए नेताओं का तेजस्वी पर हमला

पारिवारिक विवाद को लेकर एनडीए नेताओं ने तेजस्वी पर सीधा निशाना साधा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “जो अपने घर की महिलाओं का सम्मान नहीं रख सके, वे बिहार का भविष्य कैसे सुरक्षित करेंगे?”
उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि तेजस्वी की आज की पहचान लालू-राबड़ी के कारण ही है।

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