News Saga Desk
रांची | सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) मुख्यालय, रांची में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में “जनजातीय गौरव वर्ष-2025” के तहत बुधवार को एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन 1 जनवरी से 15 नवम्बर तक मनाए जा रहे जनजातीय गौरव वर्ष की श्रृंखला का प्रमुख हिस्सा रहा। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक विधि से अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुई।
सीसीएल सरना समिति के सदस्यों ने निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र, निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्रशेखर तिवारी सहित विशिष्ट अतिथियों का पारंपरिक सरना गमछा ओढ़ाकर अभिनंदन किया। इस अवसर पर डॉ. मनोज अगरिया (नोडल अधिकारी, झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी) और प्रेमचंद उरांव (सहायक प्रोफेसर, कार्तिक उरांव महाविद्यालय, गुमला) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का स्वागत भाषण डॉ. प्रीति टिग्गा (गांधीनगर अस्पताल) ने दिया।
अतिथियों ने दी श्रद्धांजलि, बताया जनजातीय संस्कृति की पहचान
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा ने कहा, “भारत की जनजातीय परंपराएं हमारी सांस्कृतिक विरासत की आत्मा हैं। भगवान बिरसा मुंडा जैसे वीरों का योगदान देश को एकता और स्वाभिमान की राह दिखाता है।”
निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र ने कहा, “बिरसा मुंडा जी का जीवन आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का संदेश दिया, जिसे हमें जीवन में अपनाना चाहिए।”
वहीं निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि “झारखंड की पहचान इसकी हरियाली और समृद्ध जनजातीय संस्कृति से है। भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज में स्वतंत्रता की चेतना जगाई और अपने बलिदान से इतिहास रच दिया।”
समारोह में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और संघर्ष पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इसके बाद लोक कलाकारों ने पारंपरिक भाषाओं में जनजातीय लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा वातावरण सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हो गया।
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