News Saga Desk
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दी गई। इसके अलावा कैबिनेट ने अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा बढ़ाने की दिशा में भी बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने इसरो (ISRO) का तीसरा लॉन्च पैड (टीएलपी) स्थापित करने की परियोजना को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 3,985 करोड़ रुपये की लागत से तीसरे लॉन्च पैड को आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यह अंतरिक्ष बुनियादी ढांचे में देश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि अगर आप पहले और दूसरे लॉन्च पैड को देखें, तो इसकी क्षमता उन दोनों से कहीं अधिक है।”
श्रीहरिकोटा में बनेगा तीसरे लॉन्च पैड
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में तीसरे लॉन्च पैड का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य देश की अंतरिक्ष प्रक्षेपण क्षमताओं को बढ़ाना है। श्रीहरिकोटा में नया बुनियादी ढांचा इसरो के ‘अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यानों’ (NGLV) का समर्थन करेगा और यहां मौजूदा दूसरे लॉन्च पैड के लिए स्टैंडबाय के रूप में काम करेगा। इसके अलावा, यह आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए भारत की क्षमता का विस्तार करेगा। बयान में कहा गया है कि यह लॉन्च पैड NGLV (Next-Generation Launch Vehicles) और LVM3 दोनों वाहनों का प्रक्षेपण करेगा। सरकार ने चार साल के भीतर इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है. इसमें इसरो के अनुभव के साथ उद्योगों की भागीदारी भी शामिल होगी।
गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण
यह परियोजना भारत के एलवीएम3 रॉकेटों के लिए लॉन्च क्षमता को बढ़ाने और भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम गगनयान जैसे महत्वपूर्ण मिशन के लिए डिजाइन की गई है। यह भविष्य के मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में भी सहायक होगी, जिसमें चांद पर भारतीय चालक दल के उतरने की महत्वाकांक्षी योजना भी शामिल है। टीएलपी परियोजना के प्रमुख घटकों में जेट डिफ्लेक्टर, लॉन्च टॉवर और लाइटिंग सप्रेशन सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण लॉन्च पैड सुविधाओं की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, आगामी मिशनों का समर्थन करने के लिए तरल मीथेन और क्रायोजेनिक ईंधन के लिए प्रणोदक भंडारण और सर्विसिंग सुविधाएं बनाई जाएंगी।
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