सुदूरवर्ती गांव की महिला समूह मशरूम उत्पादन कर बनी आत्मनिर्भर

News Saga Desk

सिमडेगा : सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड में सुदूरवर्ती कादोपानी गांव की महिला मंडल के सदस्यों ने विगत वर्ष 2023 में RSETI सिमडेगा में मशरूम उत्पादन के संबंध में ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के उपरांत उन्हें बीज एवं उत्पादन सामग्री की जरूरत हुई। चूँकि गांव में जलछाजन विभाग का कार्यक्रम भी चल रहा था समूह की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया की बीज के लिए जलछाजन विभाग से संपर्क किया जायेगा।

तदोपरांत समूह ने जलाछाजन विभाग से बीज की डिमांड रखी जिसे विभाग ने पूरी की, अब गांव के दो समूह ने ट्रायल बेसिस पर कुमुदिनी दीदी के घर में उत्पादन शुरू की मशरूम उत्पादन की सफलता को देखकर समूह की अन्य दीदी भी उत्साहित होकर उत्पादन करने का निश्चय किया अब दो समूह क्रमशः लक्ष्मी आजीविका स्वयं सहायता समूह एवं शिव आजीविका स्वयं सहायता समूह की दीदियां कुमुदिनी आमद, कनक देवी, बागेश्वरी आमद, रुक्मणि देवी, संतोषी देवी, विंध्य देवी एवं अन्य मशरूम का उत्पादन कर रही हैं।

मशरूम के लिये बाजार आसानी से उपलब्ध होने के कारण आसानी से बिक्री होने लगी। सभी दीदियां अगले साल से वृहद रूप से उत्पादन करने का निश्चय किया है क्योंकि उनका गांव जंगल के अन्दर पड़ता है रोजगार की कोई सुविधा नहीं है रोजगार के नाम से सिर्फ छः माही कृषि फिर वनोत्पाद के अलावा कुछ भी नहीं है ऐसे में दीदी का कहना है

कि मशरूम हमें कम मेहनत में आमदनी का सुलभ साधन हो गया है। इनका वे खुद उपयोग कर अच्छी प्रोटीन तो मिलती ही हैं ऊपर से रोजगार के लिए यह एक अच्छा साधन है। मशरूम उत्पादन एवं बिक्री कर उन्हें सम्मानजनक आजीविका का साधन भी मिल गया है। मशरूम का उत्पादन कर लोकल बाजार में अच्छा दम मिल जाता है।

सिमडेगा एवं राउरकेला जैसे टाऊन में चार सौ रुपए किलोग्राम तक बेच पाती हैं। मशरूम उत्पादन में संलग्न सभी दीदियां 12000-15000 रुपये तक कि कमाई आसानी से कर रही है। उपरोक्त आशय से स्पष्ट है कि समूह की महिलाओं द्वारा मशरूम उत्पादन करना कादोपानी जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र में निश्चित ही मिल का पत्थर साबित हुआ है।

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