दुनिया को समझना होगा भारत का ‘न्यू नॉर्मल’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा पर राष्ट्र के नाम अपने 22 मिनट के संबोधन में पाकिस्तान को स्पष्टत: चेताया कि अगर हमारे भारत की ओर आंख उठाकर भी देखा तो वो हश्र होगा कि दुनिया याद करेगी। राष्ट्र के नाम संदेश के अगले दिन प्रधानमंत्री ने आदमपुर एयर बेस पहुंचकर जवानों का उत्साह और मनोबल बढ़ाया।
यह अल्पविराम है, युद्ध तो होगा ही !
पहलगाम आतंकी घटना के बाद भारत के वीर जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी अड्डों को जिस तरह से नष्ट किया, विश्वभर में उसका कोई दूसरा उदाहरण सहसा ही स्मरण नहीं आता। आतंकी ठिकानों के विनाश और सैकड़ों आतंकियों की अर्थी एक साथ उठने से बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय शहरों, आम नागरिकों, पूजा स्थलों और सैन्य ठिकानों पर हमले करके जिस अदूरदर्शिता का परिचय दिया उसके बारे में क्या कहा ही कहा जाए।
डंटे रहो : न दैन्यम् न पलायनम् !
मनुष्य का अस्तित्व कोई अकेले के बस की बात नहीं है । अन्य या दूसरे के साथ सह अस्तित्व जीवन जीने के लिए अनिवार्य है । हिंसा और संघर्ष जीवन के विरुद्ध होता है। सहयोग, सहकार अब तक के ज्ञात राजनैतिक इतिहास को देखने पर भारत सतत रूप से एक शांति का आकांक्षी देश ही सिद्ध होता है ।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर विशेषः समाज के लिए नर्सों के योगदान को नमन
दया और सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिंग की जन्मदाता माना जाता है, जिनकी आज हम 205वीं जयंती मना रहे हैं। प्रतिवर्ष उन्हीं की जयंती पर 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। ‘लेडी विद द लैंप’ के नाम से विख्यात नाइटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस शहर में हुआ था।
कैसे मिला पाकिस्तान को आईएमएफ का कर्ज
भारत के साथ युद्ध के लिए पागलपन की हद तक जाने वाला पाकिस्तान आखिर किस तरह आईएमएफ से 1.3 बिलियन डॉलर का ताजा कर्ज (लोन) पाने में सफल रहा? भारत भी आईएमएफ का एक पार्टनर देश है और उसका अपना वोटिंग शेयर है।
भारत का आतंक पर कभी न भूलने वाला प्रहार
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से यह साबित कर दिया है कि वह अब केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं बल्कि आतंक के सभी प्रारूपों और स्रोतों पर निर्णायक और सर्जिकल प्रहार करने वाला राष्ट्र बन चुका है। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह भारत ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया
कैमरा, ‘भूख’ और सोशल मीडिया
सोशल मीडिया के युग में भलाई और करुणा अब मौन संवेदनाएं नहीं रहीं। वे कैमरे के फ्रेम में कैद होती जा रही हैं। आज अधिकांश मदद ‘लाइक्स’ और ‘फॉलोवर्स’ के लिए की जाती है, न कि सच्ची इंसानियत के लिए। सहायता अब एक ‘कंटेंट’ बन चुकी है और जरूरतमंद की गरिमा अकसर इस प्रदर्शन की भेंट चढ़ जाती है।
ऑपरेशन सिंदूरः बदला हुआ भारत, बदला लेना जानता है
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक पखवाड़े बाद भारत ने इसका जवाब उपयुक्त और निर्णायक ढंग से दिया। 6/7 मई की मध्यरात्रि भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाकर एयर स्ट्राइक की।
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोरः भारत की सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक
कोलकाता में साहित्यिक माहौल वाले कुलीन धनाढ्य परिवार में 7 मई 1861 को जन्मे रवीन्द्रनाथ टैगोर कवि, उच्च कोटि के साहित्यकार, उपन्यासकार और नाटककार के अलावा संगीतप्रेमी, अच्छे चित्रकार तथा दार्शनिक भी थे। टैगोर एशिया के प्रथम ऐसे व्यक्ति थे
जातिगत जनगणना…यह महज आंकड़ों की लड़ाई नहीं
जातिगत जनगणना पर जो बहस चल रही है…वो महज आंकड़ों की लड़ाई नहीं है। ये असल में भारत के सामाजिक ढांचे को समझने और फिर उसे नए सिरे से गढ़ने की एक बड़ी कोशिश है। अब जो लोग इसका समर्थन करते हैं-उनका ये मानना है कि इससे पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों की सच्चाई सामने आएगी।