सुनीता विलियम्स : साहस से छुआ आसमान
“अगर देखना चाहते हो मेरे हौसलों की उड़ान तो आसमान से कह दो कि और ऊँचा हो जाए।”
ये पंक्तियाँ निश्चित ही ऐसा आभास कराती हैं कि यह असंभव जैसी बात है क्योंकि आसमान में उड़ने वाली बात किसी ऐसे सपने जैसी ही लगती है, जो पूरा हो ही नहीं सकता। लेकिन व्यक्ति के पास साहस और धैर्य है तो वह असंभव लगने वाले लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकता है।
‘रागनी’ को लुप्त होने से बचाने की जरूरत
हरियाणा की लोक संस्कृति में रागनी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यह न केवल मनोरंजन का माध्यम रही है, बल्कि सामाजिक संदेश देने, वीर रस जगाने और लोक इतिहास को संजोने का एक प्रभावशाली जरिया रही है। रागनी लोगों को बुराइयों के खिलाफ खड़ा करने का माध्यम भी रही है। इसके प्रचार-प्रसार में जाहरवीर कल्लू खां, अजीत सिंह गोरखपुरिया, दयाचंद लांबा, राजेंद्र खड़खड़ी, जसमेर खरकिया, सुरेंद्र भादू, सूरजभान बलाली, मामन खान, सतीश ठेठ, कविता कसाना के साथ-साथ और भी कई महान कलाकारों का योगदान रहा है।
भारत का पानी पर बड़ा संदेश
इसी महीने 22 मार्च को मनाए गए विश्व जल दिवस पर भारत ने पूरी दृढ़ता के साथ दुनिया को बड़ा संदेश दिया है। हरियाणा के पंचकूला में ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2025’ की शुरुआत करते हुए केंद्रीय जल शक्तिमंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि अगर कभी पानी को लेकर तीसरा विश्व युद्ध लड़ा गया तो भारत उसका हिस्सा नहीं होगा।
चैत्र नवरात्र 30 मार्च से, छठ महापर्व एक अप्रैल से प्रारंभ
चैत्र नवरात्र 30 मार्च रविवार को प्रवर्धमान योग में कलश स्थापना के साथ प्रारंभ होगा। यह दिन काफी महत्वपूर्ण और पुनीत है, क्योंकि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पूरी सृष्टि की रचना की थी। पंडित मनोज पांडेय ने बुधवार को बताया कि 29 मार्च को शाम 4.33 बजे प्रतिपदा तिथि शुरू होगी
विशेष मुहूर्त और पर्व की समय-सारणी, जानें क्यों इस साल होली है खास
होली का पर्व हर साल प्रेम और खुशियों का प्रतीक मानकर मनाया जाता है। इस साल खासकर 2025 में होली का त्योहार कुछ खास समय और मुहूर्त के साथ मनाया जाएगा। यह सिर्फ रंगों का पर्व नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।
रोपवे निर्माण से केदारनाथ यात्रा में बनेंगे यात्री संख्या के नये कीर्तिमान, बढ़ेगा रोजगार
सबकुछ ठीक रहा तो वर्ष 2032 से बाबा केदार के भक्त रोपवे से केदारनाथ धाम पहुंच सकेंगे। 12.9 किमी लंबे रोपवे बनने से केदारनाथ यात्रा में प्रतिवर्ष यात्रियों की संख्या के नये कीर्तिमान भी स्थापित होंगे। यही नहीं, रोपवे निर्माण से पैदल मार्ग पर दबाव भी कम होगा और घोड़ा-खच्चरों का संचालन सुलभ होगा, जिससे किसी पैदल यात्री को कोई दिक्कत नहीं होगी।
सावित्रीबाई फुले: महिला शिक्षा की अग्रदूत
सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा और सामाजिक सुधार को अपने जीवन का मिशन बना लिया। उन्होंने विधवा विवाह को बढ़ावा देने, छुआछूत मिटाने और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए समाज की रूढ़िवादी सोच से जमकर संघर्ष किया। उस दौर में महिलाओं को घर की चारदीवारी तक सीमित रखा जाता था। हालाँकि, इस्लामिक आक्रमणों से पहले भारतीय समाज में महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने की स्वतंत्रता थी लेकिन बाद में उन्हें शिक्षा से वंचित कर दिया गया।
प्रोसेस्ड, फास्ट फूड से बढ़ता स्वास्थ्य संबंधी जोखिम
भारत की खाद्य संस्कृति वैश्वीकरण, शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण बदल रही है। यह प्रमुख सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी कारण बन रही है। भारत में युवा पीढ़ी तेजी से फास्ट फूड का सेवन कर रही है, जिसके कारण मोटापा, टाइप 2 मधुमेह और हृदय सम्बंधी विकार जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो रही हैं। फास्ट फूड में अक्सर बड़ी मात्रा में कैलोरी, चीनी, सोडियम और खराब वसा होती है, जो खराब खाने की आदतों और पोषण सम्बंधी कमियों को जन्म दे सकती है। इसका परिणाम एक गतिहीन जीवन शैली भी हो सकता है, जो किसी के स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ाएगा।
स्वस्थ लोकतंत्र के लिए मजबूत व रचनात्मक विपक्ष जरूरी
लोकतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए सरकार और विपक्ष को मिलकर रचनात्मक रूप से काम करना होगा। लेकिन भारत में संसदीय बहसों में बढ़ते ध्रुवीकरण, बार-बार व्यवधान तथा गहन चर्चाओं पर टीका-टिप्पणी व हंगामे के कारण विधायी विचार-विमर्श की गुणवत्ता और भी खराब हो गई है। अपर्याप्त नीतिगत चर्चा सरकार और विपक्ष के बीच वास्तविक बातचीत में बाधा डालती है। पक्षपातपूर्ण मुद्दों का उपयोग अक्सर उन महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए किया जाता है
स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और न लगाने पर दुनिया भर में बहस
स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध एक वैश्विक बहस का विषय बन गया है। जबकि कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, अन्य देशों ने इसके उपयोग को कानूनी दायरे में लाने का फैसला किया है। यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (जेम) टीम के अनुसार, कम से कम 79 शिक्षा प्रणालियों ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो बच्चों के शिक्षा और गोपनीयता पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।