News Saga Desk
कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से जुड़े जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपित दो व्यक्तियों को “डिफॉल्ट जमानत” मिलने के बाद कोलकाता में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है।कोलकाता की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत दी। आरोप है कि इन दोनों ने जांच को गुमराह करने और सबूतों से छेड़छाड़ की। हालांकि, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इन दोनों के खिलाफ 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रही, जिसके कारण अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
इस घटनाक्रम के खिलाफ पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने शनिवार को पूरे दिन विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। संगठन ने सीबीआई पर जिम्मेदारी में चूक का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ नाराजगी जताई है। डब्ल्यूबीजेडीएफ शनिवार दोपहर दो बजे केंद्रीय सरकार कार्यालय (सीजीओ) परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अपराध इकाई कार्यालय तक एक रैली निकालेगा। इस प्रदर्शन में सीबीआई से मामले में नैतिक जिम्मेदारी लेने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही, मेडिकल सेवा केंद्र और नर्स यूनिट जैसे चिकित्सा संगठनों द्वारा भी समानांतर रैलियां आयोजित की जाएंगी। वहीं, ‘अभया मंच’, जो विभिन्न क्षेत्रों के आम लोगों का संयुक्त मंच है, रानी रासमणि रोड पर शनिवार दोपहर विरोध प्रदर्शन करेगा। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने अपने प्रतिनिधियों को इन प्रदर्शनों में भेजने का निर्णय लिया है। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने जनता से बड़ी संख्या में इन प्रदर्शनों में शामिल होने की अपील की है। संगठन ने यह भी संकेत दिया है कि यदि न्याय मिलने में देरी होती है तो वे अपना पहले का स्थगित किया हुआ “कार्य बहिष्कार आंदोलन” फिर से शुरू कर सकते हैं।
डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधियों ने कहा है कि इस मामले में कई प्रभावशाली लोग जुड़े हुए हैं, जिससे यह आशंका उत्पन्न होती है कि न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, “हमारा सवाल यह है कि प्रभावशाली लोगों की भागीदारी होने के बावजूद क्या न्याय संभव है?”
No Comment! Be the first one.