News Saga Desk
कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद (मरते दम तक जेल) की सजा सुनाई गई है। सियालदह कोर्ट के जज अनिर्बान दास ने सोमवार, दोपहर 2: 45 बजे सजा सुनाते हुए कहा, ‘यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है। मौत की सजा नहीं दी सकती।’ जस्टिस दास ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वे पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपए मुआवजा दे। हालांकि, परिवार ने इसे लेने से इनकार कर दिया। फैसला सुनाने से पहले दोपहर 12:30 बजे कोर्ट ने दोषी संजय, CBI और पीड़ित परिवार की बातें सुनीं। संजय से कहा- यह बताया जा चुका है कि तुम किन अपराधों के दोषी हो।
कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। घटना के 164वें दिन (20 जनवरी) सजा पर 160 पेज का फैसला सुनाया। CBI और पीड़ित परिवार ने मौत की सजा मांगी थी। संजय का परिवार बोला- भले ही फांसी हो। हम फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे। संजय की मां ने कहा कि मैं उस लड़की के मां-बाप का दुख समझती हूं, मेरी भी बेटियां हैं।
संजय भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी
1. धारा 64 (बलात्कार) : कम से कम 10 साल की जेल की सजा और ज्यादा से ज्यादा आजीवन कारावास का प्रावधान।
2. धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे लगातार अचेत अवस्था में पहुंचाना): कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान, बढ़ाकर उम्रकैद किया जा सकता है।
3. धारा 103(1) (हत्या): फांसी की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान।
फैसले का आधार फोरेंसिक रिपोर्ट
अदालत ने घटनास्थल की फोरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जिससे संजय रॉय के इस मामले में शामिल होने के सबूत मिले। घटनास्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर भी संजय का DNA मिला था।
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